रॉबर्ट वाड्रा मामला : सवालों पर टालमटोल कर रहे थम्पी


प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने दावा किया है कि एनआरआई व्यवसायी सी.सी. थम्पी पूछताछ के दौरान विभिन्न सवालों के जवाब देने में विफल रहे हैं। थम्पी रॉबर्ट वाड्रा के करीबी माने जाते हैं और उन्हें मनी लॉन्ड्रिंग जांच के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया था।

ईडी द्वारा सीबीआई के विशेष न्यायाधीश अरविंद कुमार के समक्ष दायर एक दस्तावेज में कहा गया, संजय भंडारी (वाड्रा के करीबी सहयोगी) अपनी कंपनियों द्वारा संपत्तियों की खरीद की निगरानी क्यों कर रहे थे? स्काई लाइट इन्वेस्टमेंट एफजेडई को मौद्रिक विचार के बिना विभिन्न व्यक्तियों को हस्तांतरित क्यों किया गया?

ईडी ने आरोप लगाया कि थम्पी ने अपराध की कार्यवाही को रोकने के लिए भंडारी और वाड्रा की जानबूझकर मदद की थी।

इस गिरफ्तारी से वाड्रा की मनी लॉन्ड्रिंग केस में परेशानी बढ़ सकती है। जांच एजेंसी ने सोमवार को आइएएनएस को बताया कि थम्पी को शुक्रवार शाम को नई दिल्ली से वाड्रा की विदेशी संपत्ति की जांच के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया।

ईडी के एक अधिकारी ने खुलासा किया कि एजेंसी ने वाड्रा से जुड़े लोगों द्वारा इन संपत्तियों की खरीद के लिए अन्य विदेशी देशों से किए जा रहे कुछ कथित अज्ञात लेनदेन का पता लगाया है। ईडी को इसमें थम्पी के लिंक के बार में पता लगा। जांच एजेंसी को संदेह है कि 2009 में एक पेट्रोलियम सौदे में थम्पी का हाथ था। थम्पी से पिछले साल अप्रैल में एजेंसी ने पूछताछ की थी।

जांच एजेंसी के अधिकारियों के अनुसार, थम्पी की गिरफ्तारी वाड्रा और एनआरआइ व्यवसायी के विरोधाभासी बयान के कारण हुई।

ईडी के अधिकारी ने कहा कि वाड्रा ने पिछले साल छह फरवरी को पूछताछ के दौरान ईडी को बताया कि वह एक एमिरेट्स की फ्लाइट में थम्पी से मिले थे। वहीं ईडी को दिए अपने बयान में थम्पी ने कहा कि वाड्रा से उनकी मुलाकात सोनिया गांधी के निजी सहायक माधवन से हुई।

कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद व व्यापारी रॉबर्ट वाड्रा से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में शुक्रवार को एजेंसी द्वारा गिरफ्तार किए गए थम्पी को शनिवार शाम विशेष सीबीआई न्यायाधीश अरविंद कुमार के समक्ष पेश करने के बाद तीन दिन की ईडी हिरासत में भेज दिया गया है।

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