मायावती ने कोआर्डिनेटर, मंडल व्यस्था भंग की, सेक्टर व्यवस्था लागू की


बीते दिनों उत्तर प्रदेश में हुए में हुए उपचुनाव में खराब प्रदर्शन के बाद बसपा सुप्रीमो मायावती ने संगठन में अहम बदलाव किए हैं. उन्होंने कोऑर्डिनेटर, मंडल व जोन व्यवस्था भंग कर सेक्टर व्यवस्था लागू करने का ऐलान किया है. बुधवार को लखनऊ में पार्टी पदाधिकारियों के साथ बैठक में उन्होंने ये फैसला लिया है. बसपा यूपी को चार सेक्टर में विभाजित कर कार्य करेगी और सेक्टर व बूथ कमेटियों को मजबूत बनाने पर ध्यान देगी.

अहम पद माना जाता था ‘कोऑर्डिनेटर’
बसपा में कोऑर्डिनेटर का पद बेहद अहम माना जाता रहा है. इस पर मायावती बेहद ‘विश्वस्त’ नेताओं को ही रखती रही हैं. वहीं संगठन से जुड़े मामलों में कोऑर्डिनेटर की रिपोर्ट और फीडबैक बेहद अहम मानी जाती रही है लेकिन उपचुनाव में बेहद खराब प्रदर्शन के बाद मायावती ने संगठन में अहम बदलाव करने का फैसला लिया है.

पूरे प्रदेश को चार सेक्टर में बांटा
2022 में यूपी में होने वाले विधानसभा चुनाव के तहत बसपा में सेक्टर व्यवस्था लागू की गई. पूरे प्रदेश के संगठन को चार सेक्टरों में बांटा गया है. मायावती ने पांच-पांच मंडलों के दो-दो और चार-चार मंडलों के दो-दो सेक्टर बनाए हैं. सेक्टर व्यवस्था के तहत यूपी को चार सेक्टर्स में बांट कर बसपा काम करेगी. बैठक के दौरान मायावती ने 2022 के मद्देनजर अभी से तैयारी शुरू करने के लिए कार्यकर्ताओं को निर्देश भी दिया है. बसपा प्रमुख ने बैठक में बूथ और सेक्टर कमेटियों को सक्रिय करने के निर्देश दिए.

इन जिलों को मिलाकर बनाया 4-4 सेक्टर
मायावती ने लखनऊ, बरेली, मुरादाबाद, सहारनपुर और मेरठ मंडल को एक सेक्टर में रखा है. दूसरे सेक्टर में आगरा, अलीगढ़, कानपुर, चित्रकूट और झांसी मंडल को रखा गया है. तीसरे सेक्टर में इलाहबाद, मिर्जापुर, फैज़ाबाद और देवीपाटन मंडल शामिल हैं. चौथे सेक्टर में वाराणसी, आजमगढ़, गोरखपुर और बस्ती.

दलित-मुस्लिम गठजोड़ पर जोर
बैठक के दौरान मायावती ने कहा कि बसपा नेता मुनकाद अली को बीएसपी यूपी स्टेट यूनिट के अध्यक्ष पद पर बने रखने का फैसला किया है. बल्कि अमरोहा से सांसद दानिश अली को दोबारा बीएसपी लोकसभा संसदीय दल का नेता बना दिया गया है. मायावती ने कहा, ‘कितना ही गुमराह करने का प्रयास क्यों न कर लें तो भी उससे घबराकर व डर के अब मैं न तो यहां मुनकाद अली को स्टेट के अध्यक्ष पद से हटाने वाली हूं और न ही यहां आगे भी बीएसपी में मुस्लिम समाज को अहमियत देने में कोई कसर छोड़ने वाली हूं और इसी क्रम में आज मैं फिर से दानिश अली को ही लोकसभा में अपनी पार्टी के संसदीय दल का नेता भी बना रही हूं.’

इसे शेयर करें

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *