महाराष्ट्र : सरकार न बन पाने पर संघ की शरण में पहुंचे फडणवीस, भागवत से की भेंट


महाराष्ट्र में सरकार को लेकर शिवसेना (Shiv Sena) और बीजेपी (BJP) के बीच रार जारी है. इस बीच शिव सेना राष्‍ट्रीय स्‍वयंसेवक संघ (RSS) की शरण में है . 50-50 फार्मूले पर अड़ी शिवसेना के नेता किशोर तिवारी ने राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ (RSS) के प्रमुख मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) को सरकार गठन के मसले पर एक पत्र लिखा है. किशोर तिवारी (Kishor Tiwari) ने RSS से गुहार लगाई है. उन्‍होंने सरकार गठन को लेकर बीजेपी से जारी गतिरोध को खत्म करने में पहल करने के लिए मोहन भागवत से अपील की है और बातचीत के लिए केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी को भेजने की बात कही है.

इससे पहले मंगलवार को महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर जारी गतिरोध के बीच शिवसेना के वरिष्ठ नेता संजय राउत ने कहा कि राज्य का अगला मुख्यमंत्री शिवसेना से ही होगा. संजय राउत ने कहा , ”महाराष्ट्र के बारे में फैसला महाराष्ट्र में ही लिया जाएगा, मुख्यमंत्री शिवसेना से ही होगा.

शिवसेना के राकांपा की ओर दोस्ती का हाथ बढ़ाने की खबरों के बीच राउत ने कहा कि शरद पवार राज्य के अगले मुख्यमंत्री नहीं होंगे. मुख्यमंत्री पद के मुद्दे पर बीजेपी और शिवसेना के बीच खींचतान के चलते अब तक राज्य में सरकार का गठन नहीं हो पाया है.

रार पर रार बढ़ रही तकरार

महाराष्ट्र में बीजेपी-शिवसेना के बीच पिछले 10 दिनों से सत्ता का घमासान जारी है. दोनों पार्टी बस एक दूसरे के झुकने का इंतजार कर रही हैं ताकी फिर समझौता कर सरकार बनाई जा सके. हालांकि अब तक दोनों में से कोई अपने स्टैंड से पीछे हटने के लिए राजी नहीं है. इससे पहले खबर आई थी कि बीजेपी सरकार बनाने के लिए शिवसेना को कुछ अहम मंत्रालय देने पर विचार कर रही है, हालांकि तब भी अगले पांच सालों के लिए सीएम पद की शपथ देवेंद्र फडणवीस ही लेंगे. इसी कड़ी में सीएम फडणवीस ने दिल्ली पहुंच कर गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात भी की थी लेकिन इस मामले पर अब भी कोई स्थिति साफ नहीं है.

वहीं दूसरी तरफ शिवसेना के ऑफर पर भी एनसीपी का रुख साफ नहीं हो पा रहा है. कुछ रिपोर्ट्स और सूत्रों के हवाले से बताया जा रहा है कि एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने सोमवार को कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात के दौरान शिवसेना के ऑफर को लेकर चर्चा की थी लेकिन शिवसेना की विचारधारा के कारण वह इस पर कोई फैसला नहीं ले सके. बताया जा रहा है कि शिवसेना विनायक दामोदर सावरकर को भारत रत्न दिए जाने का समर्थन करती है और शिवसेना का यही रुख एनसीपी और कांग्रेस दोनों को उन्हें समर्थन देने से रोक रहा है.

बता दें विधानसभा चुनाव के परिणाम 24 अक्टूबर को ही घोषित हो गए थे जिसमें बीजेपी-शिवसेना गठबंधन को 161 सीटें मिलीं जो 288 सदस्यीय विधानसभा में बहुमत के आंकड़े 145 से कहीं अधिक है. बीजेपी को 105 सीटें, शिवसेना को 56, राकांपा को 54 और कांग्रेस को 44 सीटें मिली हैं.

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