राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) आंतक वित्तपोषण मामले में जम्मू एवं कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) चेयरमैन यासीन मलिक, दुख्तारन-ए-मिल्लत प्रमुख आसिया अंद्राबी व ऑल पार्टी हुर्रियत कांफ्रेंस के महासचिव मसरत आलम के खिलाफ पूरक आरोपपत्र दाखिल करने के लिए तैयार है। यह जानकारी मिली है कि एजेंसी मलिक, अंद्राबी व आलम के खिलाफ गृह मंत्रालय से मुकद्मा चलाने की मंजूरी मिलने के बाद 15 अक्टूबर से पहले आरोप पत्र दाखिल कर सकती है। इन तीनों को एनआईए ने अप्रैल में हिरासत में लिया था और अब यहां तिहाड़ जेल में कैद हैं।
सूत्रों ने कहा कि इस आरोप पत्र को गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के तहत दायर किया जाएगा। इसमें पाकिस्तान समर्थित जमात-उद-दावा प्रमुख हाफिज सईद का नाम भी है।
उन्होंने कहा कि 2010 से 2016 के बीच आतंकवादी गतिविधियों व पथराव की घटनाओं के लिए मलिक, अंद्राबी व आलम ने कथित तौर पर पाकिस्तान से फंड प्राप्त किया, जिससे जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम दिया गया। इसको आरोपपत्र में शामिल किया जाएगा।
यह कदम नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा भारतीय संविधान के अनुच्छेद 370 को रद्द करने के सिर्फ दो महीने बाद उठाया गया है।
सूत्र ने कहा कि यह भी पता चला है कि गृह मंत्रालय की विशेष टीम एनआईए के मुकदमा चलाने के संदर्भ में प्रस्ताव की जांच कर रही है और अंतिम फैसले के अगले सप्ताह आने की संभावना है। यूएपीए एक्ट के तहत केंद्र सरकार को अपनी मंजूरी देने से पहले अधिकारियों की रिपोर्ट पर भी विचार करने की जरूरत है।
मलिक, अंद्राबी और आलम के खिलाफ पूरक आरोपपत्र में हवाला ऑपरेटरों, व्यापारियों के संपर्क से जुड़ी डायरियां शामिल होंगी। इसके साथ ही बहीखातों का भी उल्लेख होगा, जिसमें नियंत्रण रेखा के पार विभिन्न व्यापारिक कंपनियों के व्यापार की जानकारी व जम्मू एवं कश्मीर के बैंक खातों का विवरण व संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) की यात्रा को दिखाते हुए कुछ संस्थाओं के यात्रा दस्तावेज शामिल होंगे।