केजरीवाल का नाम आने में 2 साल क्‍यों लगे? CM की याचिका पर SC ने दागे कठोर सवाल, ED बोली- शुरू में तो…

देश के सर्वोच्‍च न्‍यायालय में मंगलवार को जब अरविंद केजरीवाल की याचिका आई तो कोर्ट-रूम में जज साहब ने जांच एजेंसी के सामने सवालों की झड़ी लगा दी. दो जजों की बेंच ने ईडी से तीन फाइलें मांगी. इसमें से एक सीएम केजरीवाल, दूसरी पूर्व डिप्‍टी सीएम मनीष सिसोदिया और तीसरी आरोपी शरत रेड्डी की है. जस्टिस संजीव खन्‍ना की अध्‍यक्षता वाली बेंच ने ईडी से पूछा कि दो साल पहले मामले की जांच शुरू की गई थी लेकिन जांच एजेंसी को सीएम केजरीवाल के नाम तक पहुंचने में दो साल का वक्‍त क्‍यों लगा.

ईडी की तरफ से बेंच के समक्ष कहा गया कि वो बयानों के आधार पर ही जांच आगे बढ़ते हैं. इसके बाद बेंच ने पूछा कि केजरीवाल के बारे में सवाल पूछने में इतनी देरी क्यों की? इसपर ईडी ने कहा कि शुरू में पूछते तो लगता कि जानबूझकर नाम शामिल किया. सुप्रीम कोर्ट ने आगे पूछा कि बयानों में पहली बार केजरीवाल का नाम कब आया? ईडी ने इसपर कहा कि 23 फरवरी 2023 को बूची बाबू के बयान में सीएम का नाम सामने आया.

100 करोड़ का घोटाला, फिर 1,100 की संपत्ति जब्‍त कैसे?
सुप्रीम कोर्ट ने पूछा दिल्ली शराब मामले में 1100 करोड़ की संपत्ति जब्त हुई है. 2 साल में 100 करोड़ 1100 करोड़ कैसे हो गए? इडी ने इसपर कहा 590 करोड़ थोक व्यापारी का मुनाफ़ा शामिल है. बेंच ने इसपर पूछा 1100 करोड़ में फिर भी अंतर 380 करोड़ का है. ईडी ने कहा व्यापारियों के मुनाफ़े की रकम शामिल है.

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