भोपाल से भाजपा उम्मीदवार प्रज्ञा पर मामला दर्ज

मध्य प्रदेश के भोपाल संसदीय क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी की उम्मीदवार साध्वी प्रज्ञा ठाकुर पर बाबरी मस्जिद का ढांचा गिराए जाने को लेकर दिए गए विवादित बयान पर चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन का मामला दर्ज किया गया है। यह मामला निर्वाचन आयोग के निर्देश पर दर्ज किया गया है।

पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार, जिला निर्वाचन अधिकारी सुदाम खाड़े के निर्देश पर सोमवार की देर रात को अनुविभागीय अधिकारी, राजस्व (एसडीएम) संजय श्रीवास्तव ने टीटी नगर थाने में मामला दर्ज कराया। प्रज्ञा ठाकुर के खिलाफ यहां मामला आईपीसी की धारा 188 के तहत दर्ज किया गया है। प्रज्ञा ठाकुर ने एक समाचार चैनल को दिए गए बयान में विवादित ढांचे को गिराए जाने पर गर्व होने की बात कही थी।

इस पर निर्वाचन आयोग ने शनिवार को नोटिस जारी कर प्रज्ञा ठाकुर से जवाब मांगा था। प्रज्ञा ठाकुर की ओर से सोमवार को जो स्पष्टीकरण दिया गया था, उसमें कहा गया था कि, ‘मैने किसी धर्म, जाति, समुदाय, भाषा इत्यादि के माध्यम से उन्माद या धार्मिक भावनाओं को आहत करने अथवा ठेस पहुंचाने के उद्देश्य से कोई बयान नहीं दिया, बल्कि मेरे द्वारा दिए गए बयान मेरी स्वयं की अंतरआत्मा की आवाज को व्यक्त करता है, मैं सर्वे भवंतु सुखिन:, सर्वे संतु निरामया के सिद्घांत पर काम करने वाली हूं।”

इस स्पष्टीकरण को जिला निर्वाचन अधिकारी ने अस्वीकार कर दिया। जिला निर्वाचन अधिकारी सुदाम खाड़े ने भाजपा प्रत्याशी प्रज्ञा ठाकुर के जवाब को अस्वीकार करते हुए उनके वक्तव्य को चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन माना था। इसके चलते सहायक निर्वाचन अधिकारी विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 152 (विधानसभा क्षेत्र भोपाल दक्षिण पश्चिम) को दंडात्मक प्रकरण दर्ज करने के निर्देश दिए हैं। उसी के आधार पर एसडीएम ने टीटी नगर थाने में रिपोर्ट लिखवाई है।

ज्ञात हो कि, साध्वी प्रज्ञा ठाकुर ने एक टीवी चैनल को दिए गए वक्तव्य में कहा था, ‘राम मंदिर हम बनाएंगे एवं भव्य बनाएंगे, हम तोड़ने गए थे ढांचा, मैंने चढ़कर तोड़ा था ढांचा, इस पर मुझे भयंकर गर्व है, मुझे ईश्वर ने शक्ति दी थी, हमने देश का कलंक मिटाया है।’

चुनाव में साध्वी प्रज्ञा ठाकुर के खिलाफ कांग्रेस पार्टी से पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह मैदान में हैं। यहां 12 मई को मतदान होने वाला है। साध्वी प्रज्ञा ठाकुर द्वारा दिए गए दो विवादित बयानों पर निर्वाचन आयोग ने नोटिस जारी किया था। दोनों मामलों में उनकी ओर से जवाब दिए जा चुके हैं, जिनमें से एक प्रकरण पर मामला दर्ज हुआ है।

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