मांग में सुधार के कारण देश की विनिर्माण गतिविधियां फरवरी में तेज रहीं। फरवरी में इसका पीएमआई सूचकांक 54.9 रहा जबकि जनवरी में यह 54 रहा था।
मांग में सुधार के कारण देश की विनिर्माण गतिविधियां फरवरी में तेज रहीं। फरवरी में इसका पीएमआई सूचकांक 54.9 रहा जबकि जनवरी में यह 54 रहा था। इस सूचकांक का 50 से कम रहना गतिविधि में कमी और 50 से उपर रहना गतिविधि में तेजी को दर्शाता है।
आईएचएस मार्किट इंडिया द्वारा जारी पीएमआई रिपोर्ट के मुताबिक फरवरी में भारतीय विनिर्माण क्षेत्र में मजबूती देखी गयी। इस क्षेत्र ने गत माह उत्पादन बढ़ाकर नयी मांगों को पूरा किया।
रिपोर्ट के अनुसार, अंतराष्ट्रीय मांग में भी तेजी बनी रही। इस दौरान विदेशी मांग गत तीन माह में पहली बार इतनी तेजी से बढ़ी। फरवरी में उत्पादन लगातार आठवें माह तेजी में रहा। उपभोक्ता उत्पाद क्षेत्र का प्रदर्शन सबसे अच्छा रहा।
इस क्षेत्र ने लगातार तीसरे माह अच्छा प्रदर्शन किया है। अनुकूल मांग परिस्थितियों के कारण अक्टूबर के बाद पहली बार धारणा में इतनी मजबूती रही।
पीएमआई रिपोर्ट के अनुसार, कच्चे माल की मजबूत मांग के कारण लागत मूल्य में तेजी देखी गयी। हालांकि, गत छह माह में लागत मूल्य में पहली बार इतनी कम तेजी रही है।