भारत में पढ़े दूसरे देशों के छात्रों के लिए आईसीसीआर ने शुरू किया इंडिया एलुमनाई पोर्टल

भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद (आईसीसीआर) ने छात्रवृत्ति सहित अन्य माध्यमों से भारत में पढ़ाई पूरी कर चुके दूसरे देशों के छात्रों को जोड़ने एवं बदलती वैश्विक परिस्थितियों में देश की सॉफ्ट पॉवर को मजबूत बनाने की पहल के तहत इंडिया एलुमनाई पोर्टल की शनिवार को शुरुआत की।

आईसीसीआर के 72वें स्थापना दिवस पर विदेश एवं संस्कृति राज्यमंत्री मीनाक्षी लेखी एवं आईसीसीआर के अध्यक्ष विनय सहस्त्रबुद्धे ने इस पोर्टल की शुरुआत की।

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पोर्टल के शुरूआती चरण में 16 हजार पूर्व छात्र छात्राओं का विवरण कराया गया उपलब्ध
इस कार्यक्रम के तहत कुछ छात्रों को इंडिया एलुमनाई पहचान कार्ड भी प्रदान किए गए। सहस्त्रबुद्धे ने कहा कि परिषद के माध्यम से हर साल लगभग चार हजार विदेशी छात्रों को पढ़ाई पूरी करने के लिए छात्रवृत्ति दी जाती है।

इनमें पड़ोस के देशों सहित अफगानिस्तान तथा लैटिन अमरीका, अफ्रीका के कुछ देशों तथा गिरमिटिया देशों के छात्र शामिल होते हैं। सहस्त्रबुद्धे ने कहा कि इसके तहत अनेक छात्र गुरु-शिष्य परंपरा के तहत तानपूरा, तबला, सितार, जलतरंग जैसी संगीत साधना आदि के लिए आते हैं और एक या दो वर्ष की शिक्षा प्राप्त करके चले जाते हैं।

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यह पोर्टल विदेशी छात्र-छात्राओं को भारत द्वारा दी जा रही छात्रवृत्ति की पहुंच को व्यापक बनाने में मदद करेगा

उन्होंने कहा कि इस पोर्टल के माध्यम से भारत में पढ़ाई कर चुके विदेशी छात्र-छात्राओं से पुन: संपर्क बनाया जाएगा और स्थानीय संसाधन प्रबंधन या स्थानीय संपर्क अधिकारी के रूप में जोड़ा जा सकेगा। यह पोर्टल विदेशी छात्र-छात्राओं को भारत द्वारा दी जा रही छात्रवृत्ति की पहुंच को व्यापक बनाने में मदद करेगा। पोर्टल के शुरुआती चरण में 16 हजार पूर्व छात्र-छात्राओं का पूर्ण विवरण उपलब्ध कराया जा रहा है। सहस्त्रबुद्धे ने कहा कि ऐसे छात्र भारत में पढ़ाई करने के कारण हमारे देश के बारे में जानते हैं, ऐसे में पढ़ाई पूरी करने के बाद वे अपने देश में पुस्तकालय स्थापित कर सकते हैं और भारत के बारे में जानकारी दे सकते हैं। ये छात्र इंडिया क्विज, भारतीय भाषाओं के बारे में जानकारी प्रदान कर सकते हैं तथा अनुवाद एवं अन्य कार्य कर सकते हैं।

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भारत से विेदेश पढ़ने गए छात्र भारतीय उच्चायोग से संपर्क में रहें, परेशानी में उच्चायोग बनेगा अभिभावक ः लेखी
इस अवसर पर मीनाक्षी लेखी ने कहा कि छात्रवृत्ति के जरिये भारत में पढ़ाई करने वाले दूसरे देशों के छात्रों के दिल में देश की अमिट छाप बन जाती है ऐसे में पुराने रिश्तों एवं संपर्कों को प्रगाढ़ बनाने एवं आपस में जुडऩे में यह पोर्टल महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। उन्होंने भारत के जो छात्र विदेशों में पढ़ाई कर रहे हैं उनके लिए कहा कि उन भारतीय छात्रों से हमारा आग्रह है कि वे स्थानीय उच्चायोग के संपर्क में रहें। यह इसलिए जरूरी है कि किसी समस्या की स्थिति में स्थानीय भारतीय उच्चायोग अभिभावक की तरह से उनकी मदद कर सकेगा।

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