भारत (India) और उज्बेकिस्तान (Uzbekistan) के रक्षा मंत्रियों के बीच एक बैठक के बाद दोनों देशों ने सुरक्षा संबंधों में सहयोग को लेकर तीन समझौतों पर हस्ताक्षर किए. रक्षामंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) उज्बेकिस्तान के ताशकंद में शंघाई सहयोग संगठन(एससीओ) के शासनाध्यक्षों की परिषद में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के विशेष दूत के रूप में शामिल हुए हैं. राजनाथ ने शनिवार को उज्बेकिस्तान के रक्षामंत्री मेजर जनरल बखोदिर निजामोविच कुरबानोव के साथ शनिवार को बातचीत की.
रक्षा मंत्रालय (Ministry of Defence) की ओर से जारी एक बयान में कहा गया, ‘बैठक के बाद दोनों पक्षों ने दोनों देशों के सशस्त्र बलों के बीच मिलिट्री मेडिसिन के क्षेत्र में सहयोग के लिए एक सहमतिपत्र (एमओयू) पर हस्ताक्षर किये. दोनों पक्ष आने वाले दिनों में इस क्षेत्र में आदान प्रदान बढ़ाने के लिए विशेषज्ञ स्तर पर चर्चा जारी रखेंगे.’
एमओयू पर किए हस्ताक्षर
इसमें कहा गया कि सहमतिपत्र अक्टूबर 2018 में दोनों देशों के बीच सैन्य शिक्षा को लेकर हुए सहमतिपत्र से उत्पन्न संवादों का परिणाम है. बयान में कहा गया कि दोनों देशों के बीच उच्च सैन्य शिक्षा संस्थानों के प्रशिक्षण एवं क्षमता निर्माण को लेकर दो संस्थानों के बीच एमओयू पर भी हस्ताक्षर किये गए.
इसमें कहा गया, ‘दोनों देशों के रक्षामंत्री इस पर सहमत हुए कि दोनों पक्ष भारत और उज्बेकिस्तान के बीच रणनीतिक साझेदारी को जारी रखते हुए रक्षा क्षेत्र में अपने सम्पर्क का स्तर और बढ़ाने के लिए साथ मिलकर काम करना जारी रखेंगे.’ बयान में कहा गया कि आने वाले दिनों में दोनों पक्ष इस क्षेत्र में अपना आदान प्रदान और बढ़ाने के लिए विशेषज्ञ स्तर पर चर्चा जारी रखेंगे.
आतंकवाद पर भी हुई बात
दोनों रक्षा मंत्री तेलंगाना के सिकंदराबाद स्थित कॉलेज आफ डिफेंस मैनेजमेंट और ताशकंद में सशस्त्र बल अकादमी के बीच एक वीडियो लिंक पर पहले आदान प्रदान के गवाह बने. बयान में कहा गया कि यह दोनों देशों के बीच आपसी विश्वास एवं सम्मान के उच्चस्तर और क्षेत्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर उनके साझा विचारों और दृष्टिकोणों पर आधारित होगा. इसमें क्षेत्रीय स्थिरता एवं सुरक्षा को बढ़ावा देना और अतिवाद एवं आतंकवाद का मुकाबला करना शामिल है.
बैठक के दौरान दोनों पक्षों ने भारत और उज्बेकिस्तान के बीच रक्षा संबंध के स्तर में बढ़ोतरी पर संतोष व्यक्त किया. बयान में कहा गया, ‘‘दोनों देशों के बीच सम्पर्क में बढ़ोतरी फरवरी 2019 में रक्षा सहयोग पर संयुक्त कार्यदल की पहली बैठक, मार्च 2019 में भारत के रक्षा सचिव की यात्रा और सितंबर 2019 में ताशकंद में पहली बाद रक्षा-उद्योग कार्यशाला के आयोजन में में परिलक्षित हुआ.’
‘डस्टलिक 2019’ के ‘कर्टन रेजर’ की अध्यक्षता
भारत ने उज्बेकिस्तान द्वारा भारत से वस्तुओं एवं सेवाओं की खरीद के लिए चार करोड़ अमरीकी डालर की रियायती रिण सुविधा की पेशकश की है. दोनों पक्षों के बीच सशस्त्र बलों के प्रशिक्षण, क्षमता निर्माण एवं शिक्षा से संबंधित प्रत्यक्ष आदान-प्रदान में भी उल्लेखनीय वृद्धि हुई है. दोनों रक्षा मंत्रियों ने पहली बार भारत-उज्बेकिस्तान के संयुक्त अभ्यास “डस्टलिक 2019” के ‘कर्टन रेजर’ की संयुक्त रूप से अध्यक्षता की.