नई दिल्ली। भारत कच्चे तेल का आयात ब्राजील और मेक्सिको से बढ़ा सकता है, क्योंकि वेनेजुएला पर अमेरिकी प्रतिबंध के चलते वहां से भारत को होने वाले तेल आयात में कमी की पूर्ति करने की जरूरत है।
सूत्रों के अनुसार, भारत इस संकट से निपटने के लिए ब्राजील और मैक्सिको से तेल आयात बढ़ाने पर फैसला कर सकता है। यदि भारत इन दोनों देशों के साथ आयात बढ़ा देता है तो इससे सऊदी अरब और ईराक जैसे देशों पर निर्भरता कम हो जाएगी।
सऊदी अरब, ईराक और ईरान के बाद भारत सबसे ज्यादा तेल वेनेजुएला से खरीदता है। वह अपनी जरुरत का करीब 11 फीसदी तेल वेनेजुएला से मंगाता है।
लेकिन अमेरिकी की ओर से वेनेजुएला पर प्रतिबंध लगाने के बाद भारत के सामने कच्चे तेल की खरीद का संकट खड़ा हो गया है। इससे निपटने के लिए भारत की तेल कंपनियां वैकल्पिक बाजार तलाश रही हैं।
सूत्रों के अनुसार, मैक्सिको और ब्राजील ने इस स्थिति में भारत को तेल बेचने की इच्छा जताई है। यह दोनों देश बड़े तेल उत्पादक देशों की श्रेणी में आते हैं। 150 मिलिटन टन के साथ ब्राजील 10वां सबसे बड़ा और 110 मिलिटन टन के साथ मैक्सिको 11वां सबसे बड़ा तेल उत्पादक देश है।
सूत्रों का कहना है कि मैक्सिको और ब्राजील तेल आयात बढ़ाने के लिए वेनेजुएला के मुकाबले ज्यादा किफायती होंगे। यह तभी संभव है जब दोनों देशों से वेनेजुएला की तर्ज पर तेल की गुणवत्ता और आपूर्ति की शर्तों पर सहमति बन जाए। ब्राजील और मैक्सिको से भारत पहले से ही कच्चे तेल का आयात कर रहा है। 2013 के बाद यहां से आयात से आयात होने वाले तेल की मात्रा में कमी आ गई है।
2013 में भारत मैक्सिको से 3.50 बिलियन डॉलर और ब्राजील से 1.78 बिलियन डॉलर कीमत के तेल का आयात करता था। यह अब घटकर मैक्सिको से 1.38 बिलियन डॉलर और ब्राजील से 0.81 बिलियन डॉलर पर आ गया है।