नई दिल्ली़,- कृषि पर्व बैसाखी के अवसर पर कृषि मंत्रालय में मंत्री समेत तमाम वरिष्ठ अधिकारी पहुंचे और लॉकडाउन के दौरान रबी फसलों की कटाई और खरीद से लेकर किसानों के हितों से जुड़े तमाम मसलों पर इस दौरान मंथन हुआ।
हालांकि कोरोनावायरस के संक्रमण की कड़ी तोड़ने के मकसद से देशभर में लागू लॉकडाउन के दौरान भी कृषि मंत्रालय का कामकाज निरंतर चलता रहा और केंद्रीय कृषि व किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर खुद लगातार कृषि भवन आकर अधिकारियों के साथ बैठक करते रहे हैं।
तोमर भी अपने दफ्तर पहुंचे जब लॉकडाउन के दौरान पहली बार कृषि भवन में कुछ ज्यादा चहल-पहल थी, क्योंकि सभी मंत्रालयों के संयुक्त सचिव स्तर से लेकर ऊपर के वरिष्ठ अधिकारी पहुंचे थे।
बैसाखी पंजाब का प्रमुख कृषि पर्व है, जिसके साथ ही प्रदेश में गेहूं की कटाई शुरू होती है। कोरोना के कहर पर लगाम कसने के लिए देशभर में लगाए गए संपूर्ण लॉकडाउन के कारण पंजाब और हरियाणा में गेहूं की कटाई और सरकारी खरीद में कठिनाई आ रही है।
हालांकि दोनों प्रदेशों की सरकारों ने किसानों को उनकी पूरी-पूरी फसल खरीदने का भरोसा दिलाया है।
तोमर ने अपने सहयोगी केंद्रीय कृषि व किसान कल्याण राज्यमंत्री पुरुषोत्तम रूपाला और कैलाश चैधरी, मंत्रालय में सचिव संजय अग्रवाल व अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की।
बैठक के दौरान कोरोना के संक्रमण की रोकथाम के लिए आवश्यक सामाजिक दूरी यानी सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया गया।
सूत्रों ने बताया कि बैठक के दौरान पूरे देश में रबी फसलों की कटाई और खरीद समेत किसानों की सारी समस्याओं का समाधान करने के लिए सरकार द्वारा उठाए गए सारे कदमों के कार्यान्वयन की निगरानी करने के निर्देश दिए गए।
लॉकडाउन के कारण देश में अभी तक गेहूं की सरकारी खरीद शुरू नहीं हो पाई है। उम्मीद की जा रही है कि लॉकडाउन समाप्त होने के अगले दिन 15 अप्रैल से कुछ राज्यों में गेहूं की सरकारी खरीद आरंभ हो जाए।
लॉकडाउन के दौरान फसलों की कटाई, बुवाई समेत कृषि से संबंधित सारे कार्यों को जारी रखने की छूट दी गई है।
कृषि मंत्री ने किसानों के लिए मोदी सरकार द्वारा शुरू की गई महत्वाकांक्षी योजनाओं का लाभ लॉकडाउन के दौरान भी किसानों को निरंतर जारी रखने के निर्देश दिए हैं।