बीजेपी के लिए हिमाचल से आई पहाड़ जैसी बड़ी मुसीबत, कांग्रेस के बागियों को थमाया टिकट, तो अपने हुए खफा

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने हाल में अयोग्य ठहराए गए कांग्रेस के छह पूर्व विधायकों को हिमाचल प्रदेश विधानसभा उपचुनाव के लिए मंगलवार को उम्मीदवार बना दिया, जिसके बाद इन सीट पर प्रत्याशी बनाये जाने की आस लगाये पार्टी नेताओं ने बगावत कर दिया. भाजपा की घोषणा के कुछ ही घंटे बाद पार्टी नेता रामलाल मरकंडा ने पार्टी छोड़ दी और एलान किया कि वह ‘निश्चित ही’ यह उपचुनाव लड़ेंगे. भाजपा नेता रणजीत सिंह ने भी कहा कि वह निर्दलीय के तौर पर चुनाव लड़ेंगे’

पूर्व मंत्री वीरेंद्र कंवर ने अपनी पार्टी भाजपा की घोषणा पर असंतोष जताया. कंवर को पिछली बार कांग्रेस के इन पूर्व विधायकों में एक ने हराया था. भाजपा ने इन छह पूर्व विधायकों को उन्हीं सीट से अपना प्रत्याशी बनाया है जहां से वे विधानसभा से अयोग्य ठहराये जाने से पहले कांग्रेस के विधायक थे.

हिमाचल प्रदेश में भाजपा ने सुधीर शर्मा (धर्मशाला), रवि ठाकुर (लाहौल और स्पीति), राजिंदर राणा (सुजानपुर), इंद्रदत्त लखनपाल (बड़सर), चेतन्य शर्मा (गगरेट) और देविंदर कुमार भुट्टो (कुटलेहर) को अपना उम्मीदवार बनाया है. ये सभी 23 मार्च को कांग्रेस से भाजपा में चले गये थे. करीब एक महीने पहले उन्हें कांग्रेस के व्हिप की अवहेलना करने के लिए विधानसभा की सदस्यता से अयोग्य ठहरा दिया गया था.

मरकंडा ने मंगलवार को कांग्रेस के बागी रवि ठाकुर को मैदान में उतारे जाने के विरोध में पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से त्यागपत्र दे दिया. पिछले विधानसभा चुनाव में ठाकुर ने लाहौल स्पीति सीट पर मरकंडा को हराया था. पार्टी के फैसले के खिलाफ पार्टी की प्रखंड इकाई ने इस्तीफा दे दिया एवं मरकंडा का समर्थन करने का निश्चय व्यक्त किया.

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