बिहार में घर-घर पहुंच रहे स्वाथ्यकर्मी, अबतक 9 करोड़ से ज्यादा लोगों की स्क्रीनिंग

पटना: बिहार में कोविड-19 की जंग में घर-घर जाकर लोगों की स्क्रीनिंग की जा रही है. पल्स पोलियो की तर्ज पर पूरे बिहार में यह स्क्रीनिंग की जा रही है. स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के मुताबिक अब तक नौ करोड़ से ज्यादा लोगों की स्क्रीनिंग की जा चुकी है|

बिहार के स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार ने बताया कि घर-घर पहुंचकर लोगों की स्क्रीनिंग का कार्य जारी है. अब तक राज्य में 9,49,37,928 लोगों की स्क्रीनिंग की जा चुकी है. उन्होंने कहा कि प्रदेश में राज्य से बाहर नहीं गए 3364 लोग सर्दी और खांसी से पीड़ित हैं|

उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य विभाग की टीम अब तक स्क्रीनिंग के लिए 170 करोड़ से ज्यादा घरों तक पहुंची है, जिसमें से 3819 लोगों में सर्दी, खांसी और बुखार के लक्षण हैं. इन सभी लोगों के सैंपल लेकर जांच के लिए भेज दिए गए हैं|

स्क्रीनिंग के आंकड़े बताते हैं कि राज्य में सबसे ज्यादा सर्दी और खांसी के वही शिकार हैं, जो राज्य से बाहर नहीं गए हैं. प्रदेश में राज्य से बाहर नहीं गए 3364 लोग सर्दी और खांसी के शिकार हैं. वहीं, देश से बाहर से आने वालों में ऐसे 38 लोग हैं, जबकि इनमें 412 ऐसे लोग हैं, जो दूसरे राज्यों से लौटे हैं|

बिहार के स्वास्थ मंत्री मंगल पांडे ने कहा, “कोरोना को हर मोर्चे पर रोकने के लिए स्वास्थ्य विभाग तैयार है. स्वास्थ्य विभाग ने प्लान ऑफ एक्शन के तहत पहले उन जगहों से स्क्रीनिंग शुरू की, जहां ज्यादा संख्या में प्रवासी लोग आए हैं|

स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव का कहना है कि हमारे स्वास्थ्यकर्मी लगातार 38 जिलों में डोर-टू-डोर स्क्रीनिंग में लगे हैं|

इस बीच राज्य में अन्य राज्यों में फंसे छात्रों और मजदूरों का आना जारी है. स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक, राज्य में 305 क्वोरंटीन केंद्र बनाए गए हैं, जिसमें 1425 लोगों को रखा गया है|

उल्लेखनीय है कि बिहार में अब तक 539 कोरोनावायरस संक्रमित मरीजों की पहचान की जा चुकी है. इनमें से 188 संक्रमित इलाज के बाद स्वस्थ होकर वापस अपने घर लौट चुके हैं, जबकि चार लोगों की मौत हो चुकी है.

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