बिहार के मुजफ्फरपुर सहित विभिन्न जिलों में हाल के दिनों में कथित तौर पर जहरीली शराब पीने से हो रही लोगों की मौत के बीच मुजफ्फरपुर जिले के औराई थाना क्षेत्र के एक गांव के ग्रामीणों ने शराब पर पाबंदी लगाने को लेकर एक अनोखी पहल की है।
ग्रामीणों ने सामूहिक रूप से शराब नहीं पीने, शराब नहीं बेचने को लेकर सामूहिक शपथ ली है। यही नहीं इस शपथ को तोड़ने वालों पर सामूहिक कार्रवाई करने का भी निर्णय लिया गया है। पुलिस प्रशासन भी ग्रामीणों की इस पहल की तारीफ कर रहा है।
मुजफ्फरपुर जिले के औराई थाना क्षेत्र के विस्था गांव के ग्रामीणों ने शराब नहीं छूने की कसम खाई है।
ग्रामीणाों का मानना है कि अन्य गांवों में जहरीली शराब पीने से हो रही मौत कभी भी हमारे गांव में भी दस्तक दे सकती थी, इस कारण ग्रामीणों ने पहले बैठक की और फिर पुलिस प्रशासन की मदद से यह फैसला लिया। ग्रामीणों को विश्वास है कि गांव के युवक इस शपथ पर कायम रहेंगे।
ग्रामीण कहते हैं कि सभी लोगों ने सामूहिक शपथ ली कि वे न शराब बेचेंगे, न बेचने देंगे, वे न शराब पीएंगे और न शराब पीने देंगे। इस पल का गवाह पुलिस भी बनी और पुलिस के समक्ष सभी लोगों ने यह अनोखा सामूहिक फैसला लिया है।
ग्रामीण मोहन सहनी बताते हैं, बिहार में शराबबंदी के बाद भी हमारे गांव के अंदर बहुत लोग शराब के काले कारोबार से जुड़े हुए थे।
मुजफ्फरपुर में लोगों की लगातार जहरीली शराब पीने से मौत होने की खबर आ रही थी, जिसको लेकर हम लोगों ने शराब पीने से होने वाले नुकसान को लेकर पहले मुहिम चलाई। मुहिम के दौरान ग्रामीण जुटते गए और फिर और सामूहिक शपथ लेने का निर्णय लिया गया।
इसके बाद इसके लिए पुलिस प्रशासन से मदद मांगी गई। औराई के थाना प्रभारी राजेश कुमार भी गांव में पहुंचे और लोगों को शराब से होने वाले नुकसान की जानकारी दी। इसके बाद गांव में ही एक जगह इकट्ठा होकर शपथ कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
ग्रामीण मोहन सिंह कहते हैं कि गांव में शराब कारोबार करते या शराब पीते कोई पकड़ा गया तो उसे पकड़कर पुलिस को हवाले किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इससे केवल एक व्यक्ति को नहीं पूरे गांव को लाभ होगा।
इधर, औराई के थाना प्रभारी राजेश कुमार ने बताया कि विस्था गांव के लोगों द्वारा इस निर्णय की सूचना थाना को दी गई थी। उन्होंने कहा कि ग्रामीणों ने निर्णय लिया है कि अगर कोई शराब बेचता है या पीता है तो इसकी सूचना पुलिस को दी जाएगी।
उन्होंने ग्रामीणों के इस प्रयास की सराहना करते हुए कहा कि पूर्ण शराबबंदी वाले बिहार में जहरीली शराब से हुई मौत के बाद अब लोगों के अंदर जागरूकता आने लगी है और लोग खुलकर सामने आने लगे हैं।
उन्होंने कहा कि संभवत: मुजफ्फरपुर का यह पहला गांव है जहां लोगों ने अवैध शराब के खिलाफ सामूहिक शपथ ली है। उन्होंने कहा कि लोग ऐसे ही जागरूक हुए तो कईयों की जिंदगियां बच सकती हैं और कई परिवार उजड़ने से भी बच सकते हैं।