बिहार के 17 जिलों के किसान अब करेंगे प्राकृतिक खेती, जीरो बजट से होगी खेती

पटना – बिहार के किसान अब अपने पूर्वजों की खेती पद्धति को अपनाएंगे, जिसे प्राकृतिक खेती का नाम दिया गया है। इसके तहत पुरानी पद्धति खेतों में जीवंत होंगी, जिसमे खेतों में रासायनिक खाद या कीटनाशक दवा का इस्तेमाल नहीं किया जायेगा।

कृषि विभाग के प्रस्ताव पर कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय ने स्वीकृति दी है। यह योजना जीरो बजट प्राकृतिक खेती के सिद्धांत पर केंद्र सरकार द्वारा शुरू की गई है।

योजना के तहत गाय के गोबर-मूत्र का उपयोग करने और सभी सिंथेटिक रासायनिक उर्वरकों के बहिष्कार पर मुख्य जोर दिया जाएगा। साथ ही लोगों को रासायनिक खेती के बदले प्राकृतिक खेती अपनाने के लिए प्रेरित भी किया जाएगा।

बिहार सीएम नीतीश कुमार, बंगाल सीएम ममता बनर्जी, झारखंड सीएम हेमंत सोरेन और नूपुर शर्मा। जागरण आर्काइव।
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प्राकृतिक खेती के लिए प्रेरित करेगा विभाग

इस योजना के तहत कृषि विभाग द्वारा अलग-अलग कलस्टर में जमीन चिह्नित की गई है। उदाहरण के तौर वैशाली जिले में गंगा किनारे चार हजार हेक्टेयर में चीनिया केला और मुठिया केला की खेती करने वाले किसानों को पूर्णतया प्राकृतिक कृषि पद्धति अपनाने के लिए कृषि विभाग प्रेरित करेगा।

इसी तरह मुजफ्फरपुर में लीची, पटना में गंगा किनारे दियारा में परवल, लौकी, नेनुआ और तरबूज आदि की खेती के प्रति किसानों को जागरूक किया जाएगा। इसके लिए प्रति हेक्टेयर खेती करने वाले किसानों को दो हजार रुपये का सरकार अनुदान भी देगी।

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