पटना – बिहार में बेरोजगार युवकों के लिए एक अच्छी खबर है। बिहार सरकार जल्द ही बिहार में बड़ी संख्या में शिक्षकों की नियुक्ति करने जा रही है।
बिहार में 45,852 प्रधान शिक्षक और प्रधानाध्यापक नियुक्त किए जाएंगे। मंत्रिमंडल की मंगलवार को हुई बैठक में शिक्षा विभाग के इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई।
बिहार के प्राथमिक व उच्च माध्यमिक विद्यालयों में 45 हजार 892 हेडमास्टरों की बीपीएससी से सीधी नियुक्ति होगी. इनमें 40,558 पद प्राथमिक स्कूलों के प्रधान शिक्षकों की जबकि 5,334 प्रधानाध्यापक के पद उत्क्रमित उच्च माध्यमिक विद्यालयों के होंगे. मंगलवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक में इसकी मंजूरी दी गई|
15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने स्कूली शिक्षा के विकास एवं गुणवत्ता में सुधार के लिए विद्यालय स्तर पर कुशल एवं प्रभावी नेतृत्व की आवश्यकता जताई थी तब उन्होंने प्राथमिक विद्यालयों में प्रधान अध्यापक का संवर्ग और उच्च माध्यमिक विद्यालयों में प्रधानाध्यापक संवर्ग का गठन करने की घोषणा की थी. शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने बताया कि बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) इन पदों पर नियुक्ति के लिए सीधी भर्ती की प्रतियोगिता परीक्षा आयोजित करेगा|
उन्होंने कहा कि अबतक ऐसे स्कूलों में सबसे वरीय शिक्षक विद्यालय का संचालन करते थे. प्रधान शिक्षक और प्रधानाध्यापकों के नए संवर्ग के पदों पर सिर्फ शिक्षक ही दावेदार होंगे. प्राथमिक स्कूलों में प्रधान शिक्षक पद के लिए अर्हता सरकारी स्कूल में 8 साल का शिक्षण तय किया गया है|
वहीं उच्च माध्यमिक विद्यालयों में प्रधानाध्यापक के पद के लिए अपने मूल कोटि में 8 साल पूरा करने वाले सरकारी स्कूलों के शिक्षक जबकि निजी विद्यालयों (सीबीएसई, आईसीएसई बोर्ड के स्कूल) में 12 साल की सेवा पूरी करने वाले शिक्षक योग्य होंगे.