बांध सुरक्षा विधेयक को लोकसभा की मंजूरी


बांध सुरक्षा विधेयक शुक्रवार को लोकसभा में ध्वनिमत से पारित हो गया। इस विधेयक के तहत देशभर में बांधों की निगरानी और रखरखाव के लिए राष्ट्रीय प्राधिकरण और एक समिति का गठन करने का प्रावधान है।

बांध सुरक्षा विधेयक 2019 को पारित कराने को लेकर सरकार की ओर से तर्क पेश करते हुए जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि विधेयक में देशभर में बांधों की सुरक्षा के लिए मानक बनाने पर ध्यान दिया गया है क्योंकि यह देश के लोगों और उनके माल-असबाब की सुरक्षा से संबंधित मसला है।

उन्होंने कहा कि देश 40 साल से इस विधेयक का इंतजार कर रहा है। उन्होंने कहा कि विधेयक के मसौदे में देशभर में बांधों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए संस्थागत तंत्र तैयार करने की बात कही गई है।

बांध महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचा हैं जिसका निर्माण बहुद्देश्यीय उपयोग, मसलन, सिंचाई, बिजली उत्पादन, बाढ़ नियंत्रण, जल-आपूर्ति और औद्योगिक मकसदों से किया जाता है और इस पर भारी निवेश होता है।

उन्होंने कहा कि बांध असुरक्षित होने से जान-माल, पर्यावरण और फसलों, आवासों, भवनों, नहरों और सड़कों समते सार्वजनिक और निजी संपत्ति को खतरा बना रहता है।

शेखावत ने कहा, “इसलिए बांधों की सुरक्षा आम लोगों के लिए बड़ी चिंता का विषय है और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए जरूरी कदम उठाना राष्ट्र की जिम्मेदारी है।”

देश में कुल 5,344 बांधों में से 92 फीसदी बांधों का निर्माण एक राज्य से दूसरे राज्य में प्रवाहित होने वाली नदियों पर किया गया है जिनमें से 293 बांध 100 साल से भी पुराने हैं।

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