यकीनन फूल दुनिया की सबसे ज्यादा सुकून और खुशी देने वाली चीजों में से एक हैं, तभी तो इंसान अपनी भावनाओं के इजहार में कई मर्तबा फूलों का जिक्र करना नहीं भूलता।।
कला स्नातक की उपाधि अर्जित करने वाली पहली बधिर और दृष्टिहीन अमेरिकी लेखक, राजनीतिक कार्यकर्ता “हेलेन केलर” ने प्यार को परिभाषित करते हुए कहा था कि प्यार उस फूल की तरह है, हालांकि वो उसे छू नहीं सकती, लेकिन जिस तरह फूलों की खुशबू से बाग महकते हैं. वैसे ही प्यार की खुशबू से जिंदगी में महक आती है।
वहीं, एक एक अमेरिकी दार्शनिक और कवि “राल्फ वाल्डॉ एनेरसेन” ने फूलों का पृथ्वी के लिए महत्व बताते हुए कभी कहा था कि पृथ्वी फूलों के रूपों में हंसती है। यानी, फूल हमारी पृथ्वी की खुशी को दर्शाते हैं। इंसानों की जिंदगी में फूलों के इस महत्व को इस बात से भी समझा जा सकता है कि फूल कई देशों की स्थानीय संस्कृति का हिस्सा रहे हैं और उनके अस्तित्व का शुक्रिया अदा करने के लिए विश्वभर में फूलों से जुड़े कई त्यौहार मनाए जाते हैं।
फूलों से जुड़े त्योहारों में कई तरह की फूलों प्रदर्शनियां लगाई जाती हैं। इन उत्सवों के जरिए स्थानीय लोग और विदेशी पर्यटक स्थानीय संस्कृति के साथ-साथ त्यौहार के अनुभव का भी आनंद लेते हैं। ऐसी ही भारत के तेलंगाना राज्य में महिलाओं द्वारा मनाया जाने वाला फूलों का त्योहार बतुकम्म 28 सितंबर 2019 को शुरू हुआ। पूरे राज्य में यह फूलों का त्योहार “बतुकम्मा” शालिवाहन संवत के अमावस्या तिथि यानि महालया से शुरू होकर नौ दिनों तक यानि अष्टमी तक मनाया जाता हैं। इस त्यौहार में विभिन्न प्रकार के फूलों को मंदिर के गोपुरम के आकार में सजाया जाता है।
फूलों से सात लेयर से गोपुरम मंदिर की आकृति बनाई जाती है। तेलगु में “बतुकम्मा” का मतलब होता है, देवी माँ जिन्दा है। इस दिन “बतुकम्मा” को महागौरी के रूप में पूजा जाता है। यह त्यौहार स्त्री के सम्मान के रूप में मनाया जाता है।
हालांकि “बतुकम्मा” से मिलता जुलता ही, तेलंगाना में बोडेम्मा पर्व मनाया जाता है जो सात दिनों तक चलने वाला गौरी पूजा का ही पर्व है, जिसे कुँवारी लड़कियों द्वारा मनाया जाता है।
तेलंगाना के अलावा अमेरिका, यूके, यूरोप, आस्ट्रेलिया, कतर के साथ साथ 12 देशों में बसे तेलगु समुदाय “बतुकम्मा” उत्सव मनाते हैं। नौ दिन तक चलने वाले “बतुकम्मा” उत्सव का समापन शनिवार 5 अक्टूबर को होगा।
इसी प्रकार झारखंड और उत्तराखंड राज्य में भी फूलों के त्योहार मनाने की प्रथा है। वहां के स्तानीय लोग इसे एक विशेष माह यानि ऋतु में मनाते हैं। जैसे झारखण्ड के आदिवासियों का सबसे बड़ा त्यौहार “सरहुल” है। ये एक ऐतिहासिक पर्व है जो गांव का पुजारी होता है, उसके द्वारा ही सारी परंपराएं सम्पन्न की जाती हैं। पर्व का उद्देश्य होता है सृष्टि संबंध और उसमें आदिवासियों की भूमिका को प्रतीकात्मक पुनरावृत्ति द्वारा कायम रखना। जबकि उत्तराखंड में चैत के महीने में फूलदेई पर्व मनाने की प्रथा है। चैत की संक्रांति यानी फूल संक्रांति से शुरू होकर इस पूरे महीने घरों की देहरी पर फूल डाले जाते हैं। इसी को गढ़वाल में फूल संग्राद और कुमाऊं में फूलदेई पर्व कहा जाता है।
इसी तरह दुनिया भर में कई देशों में फूलों का त्योहार मनाया जाता है। आईए एक नजर डालते हैं कि दुनिया के अलग-अलग देशों में कहां और कैसे मनाया जाता है वाला फूलों का त्योहार।
फूल महोत्सव, मैडलिन, कोलंबिया
कोलंबिया के मैडलिन शहर के सबसे महत्वपूर्ण त्यौहारों में से एक फूल महोत्सव है। यह पूरे शहर के आसपास एक हफ्ते के लिए आयोजित किया जाता है, जिसकी शुरुआत पहली बार 19 57 में शुरू हुआ था। इस त्योहार के आयोजन के पीछे का मुख्य मकसद कोलंबिया के फूल उधोग का सम्मान करना माना जाता है। कोलंबिया की आजादी के बाद से, 1958 में त्योहार मई के बजाए अगस्त में आयोजित किया गया था।
फ्लॉवर कालीन, ब्रसेल्स, बेल्जियम
बेल्जियम के ब्रसेल्स का फ्लॉवर कालीन महोत्सव, दुनिया में सबसे बेहतरीन फूल महोत्सवों में से माना जाता है। साल में दो बार मनाया जाने वाला ये फूल महोत्सव दुनिया के अन्य फूल महोत्सवों में से काफी अलग है। फूलों के परेड के बजाय, शहर की कुछ खाससड़कों को फूलों की कालीन बनाकर सजाया जाता है।
चियांग माई फूल महोत्सव, थाईलैंड
यह रंगीन त्योहार चियांग माई, थाईलैंड में आयोजित किए जाते है। थाईलैंड का ये लोकप्रिय फूलों का त्योहार हर साल फरवरी के आखिरी सप्ताह में मनाया जाता है। इस त्योहार में इस्तेमाल किए गए फूल थाइलैंड के कई बागीचों से लाए जाते हैं, इनमें कई स्थानीय जगहों में मिलने वाले फूल और गुलाब शामिल होते हैं।
गुलाब परेड, कैलिफ़ोर्निया, यूएसए
हर साल एक जनवरी को नए साल को मनाने के लिए अमेरिका में कैलिफोर्निया के पैसिडोना शहर में गुलाब के फूलों से सजी झांकी निकाली जाती है। नए साल को पहली बार इस तरह 1890 में मनाया गया था। कैलिफोर्निया में मनाया जाने वाला फूलों का ये त्योहार पूरी दुनिया में मनाए जाने वाले फूल त्योहारों में पांचवें स्थान पर आता है।
हनामी महोत्सव, जापान
जापान को चेरी फूलों का देश भी कहा जाता है। मार्च से अप्रैल तक, पूरे जापान को रंगीन चेरी फूलों से सजाया जाता है। उस समय, चेरी के फूलों के पेड़ जापान के हर क्षेत्र को गुलाबी, सफेद और लाल रंग के आकार के चेरी के फूलों से ढ़क देते हैं। लगभग 13 शताब्दियों तक, जापानी इस फूल पर आधारित कई त्यौहार मनाते आ रहा है. उनमें से हनुमी त्योहार मुख्य है।
फ़्लोरवुड त्यौहार, कैनबरा, ऑस्ट्रेलिया
यह ऑस्ट्रेलिया में वसंत का जश्न मनाने वाले सबसे बड़े त्योहारों में से एक है। फूलों स जुड़े ये त्यौहार कैनबरा में एक महीने के लिए सितंबर से मध्य अक्टूबर तक प्रत्येक वर्ष कई तरह की थीम के साथ मनाया जाता है।
बटाला डी फ्लोरस, वालेंसिया, स्पेन
लोकप्रिय फूल त्यौहार ‘बटाला डी फ्लोरस’ हर साल जुलाई के आखिरी रविवार को स्पेन के वालेंसिया में आयोजित किया जाता है। त्योहार के सबसे बड़े आकर्षणों में से एक फूलों की झांकी है, जिसे स्थानीय भाषा में ‘पाज़ो डे ला अलेमेडा’ कहा जाता है। इस त्योहार के दौरान युवा परंपरागत पोशाक और फलदायी आभूषणों से खुद को सजाकर शहर के विभिन्न स्थानों पर फूलों के विभिन्न वनस्पतियों को देखने जाते हैं।
कनाडाई ट्यूलिप फेस्टिवल, ओटावा, कनाडा
दुनिया में सबसे बड़ा ट्यूलिप फूल त्यौहार कनाडाई ट्यूलिप महोत्सव है। यह त्यौहार हर साल ओटावा, कनाडा की राजधानी में आयोजित किया जाता है। इस त्यौहार की शुरूआत पहली बार 1953 में की गई थी. इस उत्सव के पीछे एक मजेदार इतिहास भी है। द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान, डच राजकुमारी जूलियाना ने डच शाही परिवार की सुरक्षा के लिए कनाडाई सरकार को एक मिलियन ट्यूलिप बीज दान किया था। कहते हैं तब से, ट्यूलिप फूल की खेती और इसकी लोकप्रियता कनाडा में बढ़ी।
हालांकि बदलते वक्त के साथ दुनिया भर में फूलों के पर्व को मनाने का ढंग भी बदला है। लेकिन, ऐसे फूलों के त्योहार का संदेश आज भी वहीं हैं, ताकि फूल की तरह ही सबका जीवन सदैव ही खिला रहे।
डॉ. म. शाहिद सिद्दीकी
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