भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने पोहा खाने के तरीके से बांग्लादेशियों की पहचान करने की बात कही है। उनके इस बयान से राज्य की सियासत गरमा गई है। भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने गुरुवार को इंदौर में ‘लोकतंत्र, संविधान और नागरिकता’ विषय पर आयोजित व्याख्यान माला में कहा कि उनके घर पर चल रहे निर्माण कार्य में कई मजदूर लगे थे। एक रात उन्होंने देखा कि पांच-छह मजदूर एक थाली में पोहा रखकर खा रहे थे। थाली में आठ-दस प्लेट पोहा था। उसे देखकर उन्हें हैरानी हुई और पूछा कि क्या रोटी नहीं है? इस पर उनके नौकर ने बताया कि “ये लोग पोहा ही खाते हैं।” जब मजदूरों से उन्होंने पूछा कि कहां से हो, तो वे बता नहीं पाए, क्योंकि उन्हें हिंदीं नहीं आती थी।
विजयवर्गीय ने आगे कहा, “सुबह ठेकेदार से मजदूरों के बारे में पूछा तो उसने कहा कि शायद दूसरे देश के हैं। जब ठेकेदार से कहा कि इन मजदूरों को लेकर क्यों आए हो, तो उसका कहना था कि मजदूरी कम लेते हैं। सुबह नौ बजे से रात नौ बजे तक काम करके 300 रुपये और दोनों समय का खाना लेते हैं, जबकि हमारे यहां के मजदूर 600 रुपये लेते हैं। बाद में वे मजदूर बांग्लादेशी निकले।”
भाजपा नेता विजयवर्गीय ने कहा कि एक आतंकवादी ने तो उनकी कई माह तक रेकी की थी, इसलिए उन्हें सुरक्षा मिली हैं। वह जब इंदौर से बाहर जाते हैं तो छह बंदूकधारी उनके साथ होते हैं।
विजयवर्गीय के बयान पर गृहमंत्री बाला बच्चन ने कहा, “बहुत जल्दी ही इस मामले का खुलासा हो जाएगा।”
मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष के मीडिया समन्वयक नरेंद्र सलूजा ने कहा, “जिस समय की विजयवर्गीय बात कर रहे हैं, उस समय यानी डेढ़ साल पहले प्रदेश में भाजपा की सरकार ही थी। विजयवर्गीय पार्टी के कई जिम्मेदार पदों पर रह चुके हैं, वर्तमान में भी राष्ट्रीय महासचिव हैं, जेड प्लस सुरक्षा प्राप्त हैं, ऐसे में यदि कोई आतंकी डेढ़ साल से उनकी रेकी कर रहा था तो उसको लेकर उन्होंने पुलिस में या कहीं और कोई शिकायत दर्ज कराई थी या नहीं, उन्हें यह स्पष्ट करना चाहिए।”