चीनी स्टेट काउंसलर और विदेश मंत्री वांग यी और भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने 12 अगस्त को एक साथ चीन-भारत उच्चस्तरीय लोगों के बीच आवाजाही तंत्र की दूसरी बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में दोनों देशों के शिक्षा, संस्कृति व प्राचीन अवशेष संरक्षण, पर्यटन, मीडिया, युवा, खेल, फिल्म व टीवी, थिंकटैंक, परंपरागत चिकित्सा विभागों और स्थानीय सरकार के जिम्मेदार व्यक्तियों ने अलग अलग तौर पर इस तंत्र की पहली बैठक के बाद दोनों देशों के बीच संबंधित क्षेत्रों के आदान-प्रदान और सहयोग में मिली नई प्रगति और अगले चरण में नए नियोजन का परिचय दिया।
चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने बैठक में बताया कि यह तंत्र द्विपक्षीय संबंधों के सर्वांगीण विकास के लिए एक महत्वपूर्ण मंच है। पहली बैठक के बाद दोनों देशों के लोगों के बीच आवाजाही की 10 मुख्य क्षेत्रों में नई प्रगति हुई है, जो दोनों देशों के नेताओं द्वारा यह तंत्र स्थापित करने के उद्देश्य के अनुरूप है और दो बड़े प्राचीन सभ्यता वाले देशों द्वारा मिलकर शानदार अध्याय जोड़ने की दोनों देशों की जनता की प्रतीक्षा से भी मेल खाती है। उन्होंने अधिक युवाओं को चीन-भारत मैत्री कार्य में उतरने के लिए प्रोत्साहित किया।
जयंशकर ने बताया कि भारत चीन के साथ द्विपक्षीय आवाजाही और आगे बढ़ाने को तैयार है।
बैठक के बाद वांग यी और जयशंकर ने वर्ष 2020 चीन भारत विदेश मंत्रालय आवाजाही व सहयोग काररवाई योजना पर हस्ताक्षर किए। दोनों पक्षों ने संस्कृति, खेल, परंपरागत चिकित्सा व संग्रहालय समेत कई सहयोग दस्तावेजों पर भी हस्ताक्षर किए।
उस दिन वांग यी और जयशंकर ने चौथा चीन-भारत मीडिया उच्चस्तरीय मंच के समापन समारोह में भाग लिया और चीन-भारत फिल्म सप्ताह का अनावरण किया। वांग यी ने बताया कि चीन भारत संबंध विकास जनता की आवाजाही पर आधारित है। मीडिया दोनों देशों की जनता के बीच समझ व मित्रता बढ़ाने का महत्वपूर्ण माध्यम है।