आर्थिक मंदी को देखते हुए केंद्र सरकार पैकेज पर कर रही विचार


मंदी से प्रभावित अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए सरकार वित्त मंत्रालय के साथ मिलकर उद्योगों के लिए प्रोत्साहन (स्टिमुलस) पैकेज पर काम कर रही है, जिसमें कर कटौती, सब्सिडी और अन्य प्रोत्साहन जैसे वित्तीय उपाय होंगे। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि इस पैकेज का लक्ष्य ना सिर्फ उद्योगों की लागत घटाना है, बल्कि ‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस’ के लिए भी कदम उठाना है।

साथ ही राजस्व विभाग के साथ मिलकर ऐसे उपाय किए जाएंगे कि ईमानदार करदाताओं को प्रताड़ित नहीं किया जा सके, या फिर जिन्होंने मामूली गलती की है, उन्हें उसके लिए प्रताड़ित नहीं किया जाए। प्रधानमंत्री ने एक हालिया मीडिया साक्षात्कार में इन कदमों के बारे में जानकारी दी।
भारतीय उद्योग जगत से मांग घटने को लेकर लगातार चिंता जाहिर की जा रही है। इसलिए सरकार उपभोक्ताओं के हाथ में ज्यादा धन पहुंचे, ऐसे उपाय करेगी, ताकि उपभोग में तेजी आए। इसलिए अप्रत्यक्ष दरों में कटौती की जाएगी।

एसोचैम के अध्यक्ष बी.के. गोयनका ने कहा, ‘अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहन पैकेज के रूप में जरूरी हस्तक्षेप की जरूरत है। हमने एक लाख करोड़ रुपये के पैकेज की सिफारिश की है।’

सूत्रों का कहना है, ‘वित्तमंत्री ने विभिन्न उद्योगों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की है और उनकी चिंताओं के बारे में जानकारी जुटाई है, ताकि मंदी से निकलने के उपाय किए जा सकें। इसके आधार पर एक पैकेज तैयार किया जा रहा है, जिसकी घोषणा जल्द ही की जाएगी।’

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