प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को पार्टी कार्यकर्ताओं से पुराने व वरिष्ठ पार्टी कार्यकर्ताओं की एक सूची बनाकर उनके साथ संबंध स्थापित करने को कहा। उन्होंने कहा, “अपने क्षेत्र के पुराने पार्टी कार्यकर्ताओं की सूची तैयार करें। उनसे मिलें और उनके साथ मिलने-जुलने का कार्यक्रम आयोजित करें। उनसे खुशी और संकट के समय भी मिलें। आप को उनसे पार्टी के इतिहास और उन्होंने कैसे कार्य किया, इस बारे में पूछना चाहिए। उनकी कहानियां आपको प्रेरणा देंगी और आपको कड़ी मेहनत के लिए प्रोत्साहित करेंगी, क्योंकि उन्होंने उस समय में कार्य किया है, जब कोई भी पार्टी व उसकी विचारधारा को नहीं जानता था।”
मोदी वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए गुरुवार शाम को दीवाली की पूर्व संध्या पर वाराणसी के पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ बातचीत कर रहे थे।
प्रधानमंत्री ने ‘हर हर महादेव’ के साथ बातचीत की और पार्टी कार्यकर्ताओं को भोजपुरी में बधाई दी।
मोदी ने कहा, “यह त्योहार का समय है और लाखों लोग अपने परिवारों के साथ रहने के लिए छुट्टी लेते हैं। मैं छुट्टी नहीं ले सकता, लेकिन मैं प्रौद्योगिकी के माध्यम से आपके साथ जुड़ रहा हूं। बहुत से ऐसे लोग हैं, जो सेना, पुलिस, एनडीआरएफ और अर्धसैनिक बलों में काम करते हैं, जो त्योहारों के लिए घर नहीं आ सकते। हमें इस अवसर पर उन्हें बधाई देनी चाहिए और उनके साहस व बलिदान को सलाम करना चाहिए।”
एक पार्टी कार्यकर्ता ने प्रधानमंत्री से काशी विश्वनाथ धाम परियोजना के बारे में और उसे शुरू करने के फैसले के बारे में पूछा।
उन्होंने कहा, “मैंने इसे शुरू नहीं किया-यह बाबा विश्वनाथ का आशीर्वाद है कि यह परियोजना आगे बढ़ रही है। करीब 300 परिवारों ने अपने घर परियोजना के लिए छोड़े हैं और बाबा के दरबार में बड़ी संख्या में मंदिर सामने आए हैं। यह नई काशी है, जो उभर रही है।”
पार्टी कार्यकर्ताओं ने परियोजना के जरिए विश्वनाथ मंदिर के करीब गंगा को लाने के लिए प्रधानमंत्री का आभार जताया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि मंदिर आस्था का केंद्र हैं और वह चाहते हैं कि शहर स्वास्थ्य केंद्र के तौर पर भी उभरे।
एक अन्य कार्यकर्ता के सवाल का जवाब देते हुए मोदी ने कहा कि सभी पार्टी कार्यकर्ताओं को उनकी सरकार द्वारा लॉन्च की गई कल्याणकारी योजनाओं के बारे में जागरूकता पैदा करनी चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि लाभ गरीब से गरीब तक पहुंचे।
उन्होंने कहा कि लोगों की वजह से स्वच्छ भारत जैसी योजनाओं ने इच्छित परिणाम देने शुरू किए हैं।