पाकिस्तान : कश्मीर मुद्दे पर सम्मेलन में भारत के खिलाफ हिंसा की वकालत


पाकिस्तान के सिंध प्रांत की राजधानी कराची में कश्मीर मुद्दे पर हुए एक अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में ब्रिटिश राजनेता द्वारा भारत के खिलाफ हिंसा की वकालत की गई।

सेंटर फॉर पीस, सिक्योरिटी एंड डेवलपमेंट स्टडीज (सीपीएसडी) द्वारा आयोजित सम्मेलन में ब्रिटेन के कुछ राजनेताओं ने कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान के सुर में सुर मिलाए और कहा कि वे भारतीय कब्जे के खिलाफ कश्मीर के आजादी आंदोलन का समर्थन करते हैं।

पूर्व ब्रिटिश सांसद जार्ज गैलोवे तो इससे भी आगे बढ़ गए और कहा कि कश्मीर के लोगों को इसका अधिकार है कि वे भारतीय कब्जे का न केवल शांतिपूर्वक विरोध करें बल्कि अगर उन्हें जरूरी लगे तो वे हथियारों की भी मदद लें।

अन्य ब्रिटिश राजनेता लॉर्ड डंकन मैकनायर, डेविड वार्ड, मार्कस वी थामलिंसन ने भी कश्मीर को लेकर अपनी चिंताओं का इजहार किया।

पाकिस्तान के राष्ट्रपति डॉ. आरिफ अल्वी सम्मेलन के मुख्य अतिथि थे। उन्होंने कहा कि कश्मीर को दिए गए विशेष दर्ज को पांच अगस्त को भारत द्वारा वापस लिए जाने के बाद वहां आधुनिक समय की सबसे बड़ी मानवीय त्रासदी ने जन्म लिया है और अगर हालात और बिगड़े तो इसके और बदतर होने का अंदेशा है।

वैश्विक मंचों पर कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान के अलग-थलग पड़ने की पीड़ा भी पाकिस्तानी राष्ट्रपति में झलकी जब उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र गंवाए जाने वाले अवसरों का एक संस्थान बन चुका है जहां बड़ी ताकतों के हितों को बचाने के लिए मानवता और मानवाधिकार उल्लंघनों की अनदेखी की जा रही है।

इसे शेयर करें

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *