पंकज त्रिपाठी की फिल्म ‘मैं अटल हूं’ के वो 5 दमदार सीन्स, जो देखते ही रग-रग में भर जाएगा जोश, जाग उठेगा देश-प्रेम

पंकज त्रिपाठी की फिल्म ‘मैं अटल हूं’ भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल ब‍िहारी वाजपेयी के जीवन पर आधारित है. ये फिल्म तीन अलग-अलग समयों पर भारत के प्रधानमंत्री के रूप में सेवा करते हुए, अटल जी की पारिस्थितिक निर्णयों की एक सीरीज है, जिसने देश के भविष्य को हमेशा के लिए बदल कर रख दिया.

आज आपको इस आर्टिकल में अटल बिहारी वाजपेयी के उन महत्वपूर्ण निर्णयों के बारे में बताने जा रहे हैं जिनपर ये फिल्म बनाई गई है. पंकज त्रिपाठी की फिल्म ‘मैं अटल हूं’ अटल बिहारी वाजपेयी के अद्वितीय यात्रा को गहराई से समझने का एक माध्यम प्रदान करती है.

1989 में राम मंदिर के निर्माण के समर्थन
अटल बिहारी वाजपेयी का 1989 में राम मंदिर के निर्माण के प्रति अटल समर्थन उनकी हिन्दू भावनाओं और सांस्कृतिक विरासत के प्रति निरंतर समर्पण से प्रेरित था. उनका उच्चारण लाखों भारतीयों के साथ गहरी अनुभूतियों को झलकाने के रूप में था, जो उनकी धार्मिक आस्था के प्रति उनकी आकांक्षाओं को दर्शाता था.

कारगिल युद्ध की जीत
1999 में कारगिल युद्ध के दौरान अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में भारतीय सशस्त्र बलों के लिए उनका दृढ़ निर्णय और अटल समर्थन था. स्थिति की गंभीरता को समझते हुए, उन्होंने शीघ्र कम संसाधनों का उपयोग कर युद्ध जितने के लिए उत्साहित किया.

पोखरण परमाणु परीक्षण
मई 1998 में, वाजपेयी सरकार ने पोखरण में एक पूरे सिरीज की न्युक्लियर टेस्टिंग की थी, जिससे भारत का परमाणु शक्तियों के रूप में समर्थन दिखाया गया. ये न्युक्लियर टेस्टिंग भारत की परमाणु क्षमताओं का साहसिक बयान था, जो इसके इतिहास में एक महत्वपूर्ण क्षण था, रखने की तैयारी दिखाता है.

पाकिस्तान के साथ शांति बातचीत का प्रयास
भारत और पाकिस्तान के बीच दीर्घकालिक तनाव के बावजूद, अटल जी ने राजनीतिक रास्तों के माध्यम से शांति की दिशा में प्रयास जारी रखा.

धारा 370 को निरस्त करने का समर्थन
वाजपेयी जी का धारा 370 को रद्द करने का समर्थन उनके दृढ़ स्थान को दिखाता है, जो कि जम्मू और कश्मीर को विशेष स्थिति देता था. इससे स्पष्ट होता है कि उनका राष्ट्रीय एकता और एकीकरण के प्रति समर्पण था.

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