नई दिल्ली। कोरोनावायरस महामारी को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मुख्यमंत्रियों के साथ दूसरे दिन वीडियो कॉन्फ्रेंस बैठक पहले दिन की अपेक्षा दिलचस्प होने वाली है। केंद्र सरकार से नाराज चल रहीं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के इस बैठक से नदारद रहने की संभावना है। सूत्रों ने कहा कि वह बुधवार के सम्मेलन में बोलने के लिए स्लॉट नहीं दिए जाने से नाखुश हैं।
उनके बजाय, राज्य के मुख्य सचिव के पश्चिम बंगाल का प्रतिनिधित्व करने की संभावना है।
केवल छह राज्यों के मुख्यमंत्रियों के सम्मेलन में बोलने के आसार हैं, जिनमें, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, बिहार और तेलंगाना शािमल हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बैठक में अर्थव्यवस्था को आगे और खोलने के संकेत देते हुए कहा था कि बढ़ती बिजली की खपत और टोल संग्रह अर्थव्यवस्था के पुनरुद्धार के सूचक हैं।
सूत्रों का कहना है, बैठक में जोर उत्तर प्रदेश, बिहार, महाराष्ट्र और दिल्ली पर होगा। केंद्र का मानना है कि भले ही उत्तर प्रदेश और बिहार में कोरोना मरीजों की संख्या अपेक्षाकृत कम है, यह उन लाखों प्रवासियों के कारण बढ़ने की आशंका है जो दोनों राज्यों में अपने गृहनगर लौट आए हैं। केंद्र इन दोनों राज्यों में जांच बढ़ाने पर जोर देगा।
प्रधानमंत्री द्वारा महाराष्ट्र और दिल्ली पर जोर दिए जाने की संभावना है। महाराष्ट्र सबसे अधिक प्रभावित राज्य रहा है और दिल्ली परशहरी क्लस्टर में संपर्को का पता लगाने के लिए ऊर्जा केंद्रित करने के लिए जोर देने की संभावना है। हाल के सीरोलॉजिकल सर्वेक्षण ने संकेत दिया है कि शहरी झुग्गियां कोविड-19 के मद्देनजर विशेष रूप से असुरक्षित हैं।