नवंबर में जीएसटी संग्रह 6 फीसदी बढ़ा, राजकोषीय घाटे में मिलेगी राहत


जीएसटी संग्रह बीते महीने नवंबर में फिर एक लाख करोड़ के पार चला गया, जो पिछले साल के इसी महीने के आंकड़े से छह फीसदी ज्यादा है।

त्योहारी सीजन के दौरान उपभोक्ता मांग में तेजी आने से नवंबर महीने में वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) संग्रह छह फीसदी की वृद्धि के साथ 1.03 लाख करोड़ रुपये हो गया।

इससे पहले दो महीनों के दौरान जीएसटी संग्रह की वृद्धि दर नरम रहने के बाद फिर सकारात्मक वृद्धि का संकेत मिला है।

नवंबर के दौरान घरेलू लेनदेन पर जीएसटी संग्रह में 12 फीसदी की वृद्धि देखी गई, जो वर्ष के दौरान सबसे अधिक रही। हालांकि आयात पर जीएसटी संग्रह में 13 फीसदी की गिरावट रही।

वित्त मंत्रालय के एक बयान में कहा गया, “नवंबर 2019 में सकल जीएसटी राजस्व 1,03,492 करोड़ रुपये रहा, जिसमें सीजीएसटी 19,592 करोड़ रुपये और एसजीएसटी 27,144 करोड़ रुपये का संग्रह हुआ। इस दौरान आईजीएसटी 49,028 करोड़ रुपये (आयातों पर एकत्र 20,048 करोड़ रुपये सहित) रहा। वहीं उपकर (सेस) 7,727 करोड़ रुपये (आयात पर 869 करोड़ रुपये शामिल हैं) का संग्रह हुआ।”

अक्टूबर महीने के लिए 30 नवंबर, 2019 तक दायर जीएसटीआर 3-बी रिटर्न, मासिक रिटर्न की कुल संख्या 77.83 लाख रही।

जुलाई, 2017 में जीएसटी लागू होने के बाद यह आठवां मौका है, जब इसका मासिक संग्रह एक लाख करोड़ रुपये का आंकड़ा पार कर गया है। वहीं, जीएसटी लागू होने के बाद नवंबर 2019 का संग्रह जीएसटी तीसरा सबसे अधिक मासिक संग्रह है। इससे ज्यादा जीएसटी संग्रह अप्रैल, 2019 और मार्च, 2019 में हुआ था।

डिलाइट इंडिया के पार्टनर एम. एस. मणि ने कहा, “त्योहारी महीने में एक लाख करोड़ रुपये के जीएसटी संग्रह को पार करना राजकोषीय घाटे को नियंत्रण में रखने में मदद करेगा। उम्मीद है कि आने वाले महीनों में यह प्रवृत्ति जारी रहेगी।”

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