दिल्ली हिंसा पर हंगामे की भेंट चढ़ा संसद सत्र का पहला दिन


दिल्ली में पिछले दिनों हुई भयंकर हिंसा को लेकर सोमवार को संसद में बजट सत्र के दूसरे चरण का पहला दिन हंगामे की भेंट चढ़ गया और दोनों सदनों में गृहमंत्री अमित शाह के इस्तीफे की जोरदार मांग की गई। लोकसभा में हंगामा इतना जबरदस्त हुआ कि सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच हाथापाई की नौबत आ गई और 3 बार के स्थगन के बाद सदन की कार्यवाही मंगलवार तक के लिए स्थगित कर दी गई। राज्यसभा में शून्यकाल के समय ही हंगामा हुआ जिसके कारण भोजनावकाश तक सदन की कार्यवाही स्थगित किए जाने के बाद 2.30 बजे के आसपास दिनभर के लिए कार्यवाही स्थगित कर दी गई।

हंगामे के बीच ही दोनों सदनों में जरूरी कागजात सदन के पटल पर रखवाए गए। लोकसभा में चिकित्सा गर्भपात (संशोधन) विधेयक तथा खनिज नियम (संशोधन) विधेयक पेश किए गए। राज्यसभा में भोजनावकाश के बाद हंगामे के बीच केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय विधेयक पेश किया गया।

सदन में जो हुआ उससे मैं व्यक्गित रूप से दुखी, ऐसी परिस्थिति में सदन संचालित नहीं करना चाहता: बिरला

लोकसभा में वर्तमान जनतादल (यू) सदस्य वैद्यनाथ प्रसाद महतों को श्रद्धांजलि देने के बाद सदन की कार्यवाही भोजनावकाश तक स्थगित कर दी गई। उसके बाद तीन बार स्थगन के बाद अपराह्न 4.30 बजे जैसे ही सदन की कार्यवाही फिर से शुरू हुई तो अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा हम सबका प्रयास होना चाहिए कि संसद की मर्यादा बनाएं रखें। वरिष्ठ सदस्य हस्तक्षेप कर सदन की गरिमा बनाएं रखें। आज जो हुआ उससे मैं व्यक्तिगत रूप से बहुत दु:खी हूं। मैं ऐसी परिस्थिति में सदन नहीं संचालित करना चाहता। सब मिलकर विचार कर लें, एक मर्यादा बन जाए।

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