तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोगान ने पाकिस्तानी संसद को संबोधित किया


तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयब अर्दोआन ने कहा है कि कश्मीर पाकिस्तान के लिए जितना महत्वपूर्ण है, उनके देश के लिए भी उतना ही अहम है। पाकिस्तान में संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित करते हुए सोमवार को अर्दोआन ने कहा, “तुर्की की आजादी की लड़ाई के समय पाकिस्तान के लोगों ने अपनी हिस्से की रोटी हमें दी थी। पाकिस्तान की इस मदद को हम नहीं भूले हैं और न कभी भूलेंगे। कल हमारे देश के लिए जिस तरह कनक्कल (तुर्की का सुमद्र तटीय हिस्सा) अहम था, बिलकुल उसी तरह आज कश्मीर हमारे लिए मायने रखता है। दोनों में कोई फर्क नहीं है।”

उन्होंने कहा- तुर्की आतंक के खिलाफ लड़ाई में पाकिस्तान का समर्थन करता रहेगा। संयुक्त राष्ट्र की पिछली सभा में भी तुर्की ने कश्मीर मुद्दा उठाया था।

कश्मीर की समस्या संघर्ष या दवाब से नहीं सुलझेगी

उन्होंने कहा- पिछले कुछ सालों में एकतरफा कार्रवाई से कश्मीरी लोगों की तकलीफों में इजाफा हुआ है। कश्मीरी लोगों की आजादी और अधिकार छीनने से किसी को फायदा नहीं होगा। कश्मीर की समस्या संघर्ष या दबाव से नहीं सुलझेगी। इसे न्याय और समानता से ही हल किया जा सकता है। अर्दोगान की यह टिप्पणी जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के 7 महीने बाद आई है। जम्मू-कश्मीर के मुद्दे पर भारत-पाकिस्तान के बीच 1948, 1965 और 1971 में संघर्ष हो चुका है।

चौथी बार पाकिस्तान की संसद में संबोधन

चौथी बार पाकिस्तान की संसद को संबोधित करते हुए अर्दोआन ने उत्तर-पश्चिम सीरिया के हालात का जिक्र भी किया। तुर्की की ताजा कार्रवाई का जिक्र करते हुए अर्दोआन ने दावा किया कि बमबारी के जरिए करीब 40 लाख लोगों की हत्या करने की असद शासन की तैयारी को नाकाम करने के लिए ही ऐसा किया गया।

पाकिस्तान भी तुर्की का समर्थक

पाकिस्तान कई मुद्दों बाकी देशों के विरोध के बावजूद तुर्की का समर्थन करता रहा है। इसके बदले उसे तुर्की की मदद मिलती है। आर्दोआन ने कहा- इंटरगवर्नमेंटल फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) की तरफ से आतंकवाद न रोक पाने पर पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में डालने के बाद चीन, मलेशिया और तुर्की ने ही उसकी मदद की।

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