तीन तलाक विधेयक का विरोध करेगी जेडीयू, कांग्रेस

नई दिल्ली। मोदी सरकार संसद के आगामी सत्र में नए सिरे से तीन तलाक बिल को पेश करेगी। तीन तलाक से जुड़े ऑर्डिनेंस को बुधवार को पीएम मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट मीटिंग में मंजूरी दी गई थी। बीजेपी उम्मीद कर रही है कि राज्यसभा में इस बिल पर मुहर लग जाए। लेकिन इसके पहले ही, जदयू ने भाजपा की टेंशन बढ़ा दी है। जदयू ने कहा है कि राज्यसभा में पार्टी तीन तलाक बिल का समर्थन नहीं करेगी।

उधर कांग्रेस ने भी गुरुवार को कहा कि वह संसद में तीन तलाक विधेयक का विरोध करेगी। कांग्रेस ने कहा कि विधेयक के कुछ प्रावधानों पर चर्चा की जरूरत है।

बिहार सरकार में मंत्री और जदयू के वरिष्ठ नेता श्याम रजक ने कहा कि पार्टी ने तीन तलाक बिल का विरोध किया है और आगे भी पार्टी अपने स्टैंड पर कायम रहेगी। उन्होंने कहा कि तीन तलाक एक सामाजिक मुद्दा है और इसे सामाजिक स्तर पर ही सुलझाया जाना चाहिए। श्याम रजक ने कहा कि जदयू ने राज्य सभा में तीन तलाक बिल के विरोध में वोटिंग की थी। इसके पहले, नीतीश कुमार ने भी सार्वजनिक रूप से तीन तलाक बिल का विरोध किया था।

तीन तलाक बिल को मोदी कैबिनेट में मंजूरी मिलने के बाद ही जदयू का बयान आया है जो बीजेपी के लिए परेशानी का सबब हो सकता है। इसके पहले, बिहार के सीएम ने कहा था कि जदयू शुरू से ही आर्टिकल 370 हटाए जाने के पक्ष में नहीं है। उन्होंने कहा था कि राम मंदिर निर्माण का मुद्दा अदालत से या फिर लोगों की सहमति से निपटाया जाना चाहिए।। समान नागरिक संहिता पर भी नीतीश कुमार ने कहा था कि इसे थोपे जाने के पक्ष में वे नहीं हैं।

तीन तलाक बिल 17 जून से शुरू हो रहे संसद के सत्र के दौरान पेश किया जाएगा। इस सत्र में 4 जुलाई को आर्थिक सर्वे के बाद अगले दिन यानी 5 जुलाई को बजट पेश किया जाएगा। तीन तलाक बिल पिछली सरकार में लोकसभा में तो पारित हो गया था लेकिन आखिरी वक्त तक ये बिल राज्यसभा में अटका रह गया, कांग्रेस सहित कई विपक्षी दलों ने इस बिल का विरोध किया था। विपक्ष इस बिल में कुछ संशोधन की मांग कर रहा था। 16वीं लोकसभा भंग होने के साथ ही ये बिल भी निष्प्रभावी हो गया था।

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