ट्रैक्टरों को ईंधन देने पर लगाए गए प्रतिबंध को उप्र पुलिस ने हटाया

गाजीपुर – गाजीपुर पुलिस ने किसानों के आंदोलन के तहत 26 जनवरी को प्रस्तावित ट्रैक्टर रैली के मद्देनजर पेट्रोल पंपों से ट्रैक्टरों को ईंधन देने से रोकने के आदेश को वापस ले लिया है।

समाजवादी पार्टी ने ट्विटर पर इससे संबंधित एक खबर साझा की थी जिसमें कहा गया था कि 26 जनवरी की ट्रैक्टर रैली में भाग लेने से रोकने के लिए उप्र पुलिस द्वारा किसानों को घर में नजरबंद रखा गया है।

गाजीपुर पुलिस अधीक्षक, ओम प्रकाश सिंह ने कहा कि, वह सुहवल और सैदपुर पुलिस थानों के प्रभारियों द्वारा जारी किए गए आदेशों के बारे में जानकर चौंक गए और एएसपी (ग्रामीण) से मामले की जांच करने को कहा है।

उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि जिले में इस तरह का कोई प्रतिबंध नहीं लगाया गया है।

एसपी ने कहा कि उन्होंने सड़क सुरक्षा माह के मद्देनजर दुर्घटनाओं को रोकने के लिए सड़कों, विशेष रूप से राजमार्गों पर पूरी तरह से फिट ट्रैक्टरों की आवाजाही सुनिश्चित करने के लिए निर्देश जारी किए थे, लेकिन दो पुलिस स्टेशनों के पुलिस द्वारा इस आदेश की गलत व्याख्या की गई थी।

सुहवल पुलिस स्टेशन के पुलिस अधिकारियों ने एक आदेश जारी कर पेट्रोल पंपों को ट्रैक्टरों को ईंधन नहीं देने को कहा।

इस आदेश में कहा गया है, 26 जनवरी को देखते हुए, राज्य में हाई अलर्ट लगा दिया गया है और धारा 144 सीआरपीसी के तहत प्रतिबंधात्मक आदेश प्रभावी हैं। किसानों द्वारा ट्रैक्टर रैली निकालने की संभावना के मद्देनजर, ट्रैक्टरों की आवाजाही पर प्रतिबंध लगाया गया है। आपको शांति बनाए रखने के लिए 22 जनवरी से 26 जनवरी तक ट्रैक्टर, ड्रम या कंटेनर में तेल देना बंद करने के लिए निर्देशित किया गया है।

दूसरी ओर, सैदपुर पुलिस ने 26 जनवरी तक राजमार्ग पर ट्रैक्टरों की आवाजाही पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया।

सैदपुर इंस्पेक्टर ने ट्रैक्टर मालिकों को यह कहते हुए नोटिस जारी करना शुरू कर दिया कि, राष्ट्रीय त्योहार, फ्लैग मार्च और सड़कों पर स्कूली बच्चों की आवाजाही को देखते हुए ट्रैक्टरों की आवाजाही की अनुमति नहीं दी जाएगी। यदि सड़क सुरक्षा सप्ताह के भाग के रूप में जांच के दौरान कोई भी ट्रैक्टर सड़क पर पाया जाता है, तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू की जाएगी।

यह मामला तब सामने आया जब समाजवादी पार्टी ने ट्विटर पर लिखा, 26 जनवरी को होने वाली किसान ट्रैक्टर परेड को रोकने के लिए, भाजपा सरकार पूर्वांचल के किसानों को घर में नजरबंद करके रख रही है और पेट्रोल पंप वालों को उन्हें डीजल न देने को कह रही है। कॉपोर्रेट के लालच में अंधी सरकार अन्नदाता पर तमाम तरह के अत्याचार कर रही है।

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