टिकट कटने पर जोशी ने लिखा खत, कहा- “पार्टी नहीं चाहती मैं लड़ूं चुनाव”

कानपुर, 26 मार्च लालकृष्ण आडवाणी की तरह ही भाजपा ने वरिष्ठ नेता मुरली मनोहर जोशी को टिकट ना देने का मन बनाया है। इस बीच डॉक्टर जोशी का एक लेटर उनके संसदीय क्षेत्र में खूब सुर्खियां बटोर रहा है। जिसमें वरिष्ठ नेता जोशी ने लिखा है कि, मेरे प्यारे कानपुर के मतदाता, भाजपा के राष्ट्रीय संगठन मंत्री ने सलाह दी है कि कानपुर और उसके आलावा कहीं से भी मुझे चुनाव नहीं लड़ना चाहिए। इस लेटर की पुष्टि भाजपा जिलाध्यक्ष ने की है।

संगठन महासचिव ने जोशी से की थी मुलाकात

सोमवार को भाजपा के संगठन महासचिव रामलाल ने मुरली मनोहर जोशी से मुलाकात की थी। रामलाल ने मुरली मनोहर जोशी से कहा कि पार्टी ने निर्णय लिया है कि, आपको चुनाव नहीं लड़वाया जाए। रामलाल ने कहा कि पार्टी चाहती है कि आप पार्टी ऑफिस आकर चुनाव नहीं लड़ने का ऐलान करें। लेकिन डॉक्टर जोशी शीर्ष नेतृत्व से नाराज हो गए हैं। उन्होंने पार्टी कार्यालय आकर चुनाव न लड़ने का ऐलान करने से इंकार कर दिया है।

गंगा मेला कार्यक्रम में आना रद्द किया

कानपुर से सांसद डॉक्टर मुरली मनोहर जोशी को गंगा मेला के मौके पर कानपुर आना था। डॉ जोशी कानपुर की जनता से गले मिलकर गंगा मेला मनाना चाहते थे। लेकिन पार्टी हाई कमान से उन्हें जब सलाह दी गई कि आप को कहीं से भी चुनाव नही लड़ना चाहिए तो उन्होंने अपना कानपुर दौरा रद्द कर दिया।

दो लाख से अधिक वोटों से श्रीप्रकाश जायसवाल को हराया था

2014 के लोकसभा चुनाव में डॉक्टर मुरली मनोहर जोशी ने पूर्व केंद्रीय कोयला मंत्री श्रीप्रकाश जायसवाल को 2 लाख 22 हजार 946 वोटों से हराया था। डॉक्टर जोशी को 4 लाख 74 हजार 712 वोट मिले थे और पूर्व कांग्रेस के श्रीप्रकाश जायसवाल को 2 लाख 51 हजार 766 वोट हासिल हुए थे। लेकिन अब हालात बदल चुके हैं, कांग्रेस का मानना है कि यदि डॉक्टर जोशी कानपुर से दोबारा चुनाव लड़ते है तो इसका फायदा कांग्रेस को मिलेगा, क्योंकि शहर की जनता में उनके खिलाफ आक्रोश व्याप्त है।

भाजपा जिलाध्यख ने लेटर की पुष्टि की

भाजपा जिलाध्यक्ष सुरेन्द्र मैथानी के मुताबिक डॉक्टर जोशी के कार्यालय से एक पत्र जारी हुआ है। जिसमें डॉ जोशी ने कहा है कि राष्ट्रीय महामंत्री संगठन रामलाल ने उनसे कहा है कि वो कानपुर या कहीं से भी चुनाव नहीं लड़ रहे हैं। ऐसी जानकारी उनके कार्यालय से दी गई है। भाजपा केंद्रीय नेतृत्व का जो आदेश होता है, हम लोग उसे सर आंखों पर लेते हैं। हमारा काम पालन करना है।

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