जर्मनी में आज वोटिंग, 16 साल बाद सत्ता छोड़ रहीं एंजेला मर्केल

जर्मनी में रविवार को राष्ट्रीय चुनाव के लिए मतदान हो रहा है. चांसलर एजेंला मर्केल 16 साल बाद सत्ता छोड़ रही हैं. मर्केल सेंट्रल-राइट क्रिश्चियन डेमोक्रेट्स (CDU/CSU) पार्टी की नेता हैं. देश के युवा वोटर्स को चांसलर के तौर पर एंजेला मर्केल के अलावा शायद की कोई दूसरा नाम याद हो उनके पद छोड़ने के चलते उनकी पार्टी सीडीयू/सीएसयू भविष्य के नेतृत्व को लेकर इस समय संघर्ष कर रही है. इसलिए इस बार के चुनावों पर पूरी दुनिया की नजर टिकी हुई है|

मतदान रविवार सुबह करीब 8 बजे शुरू हो रहा है. 650,000 वॉलंटीयर्स को देशभर के 88,000 पोलिंग स्टेशंस पर तैनात किया गया है. यही लोग शाम 6 बजे मतदान खत्म होने के बाद बैलेट्स गिनने में भी मदद करेंगे. रविवार को होने वाले मतदान में आम जनता सीधे तौर पर जर्मनी में चांसलर का चुनाव नहीं करेगी. बल्कि जर्मनी की संसद बुंडेसटाग के सदस्यों का चयन होगा. ये चार साल के कार्यकाल के लिए चुने जाएंगे  फिर यही प्रतिनिधि बाद में एक नई सरकार का नेतृत्व करने के लिए चांसलर का चुनाव करेंगे|

जर्मनी में 26 सितंबर को लोग जब मतदान करने जाएंगे, तो उन्हें एक साधारण से दिखने वाले बैलेट में दो विकल्प मिलेंगे- एक जिले का प्रतिनिधि और दूसरा पार्टी का प्रतिनिधि (Procedure of German Elections). इसमें पहले वोट को एर्सटश्टिमे कहा जाता है, जो जिले के प्रतिनिधि के लिए होता है. यानी लोग संसद में अपने जिले का प्रतिनिधित्व करने के लिए प्रतिनिधि का चुनाव करते हैं. संसद में ऐसी 229 सीट होती हैं|

बैलेट के दूसरा हिस्सा बुंडेसटाग की बची हुई सीटों के लिए होता है. यानी संसद की कुल 598 सीटों में से बाकी आधी बची सीटों के प्रतिनिधियों को चुनने के लिए इसका इस्तेमाल होता है. दूसरे वोट को स्वाइटेश्टिमे कहा जाता है. ये दूसरा वोट किसी एक उम्मीदवार के बजाय पार्टी के लिए दिया जाता है. इसी के जरिए तय होता है कि संसद में किस पार्टी को कितनी सीट मिलेंगी|

इस साल कुल 47 पार्टियां चुनावी मैदान में उतरी हैं. एक समूह के रूप में संसद में प्रतिनिधित्व को जीत के लिए, एक पार्टी को 5 फीसदी की सीमा पार करने की आवश्यकता होती है या उसके पास तीन सीधे निर्वाचित उम्मीदवार होने चाहिए. सीधे तौर पर कहें, तो बुंडेसटाग में किसी पार्टी को तभी प्रवेश मिलता है, जब दूसरे वाले वोट से उसने कम से कम 5 फीसदी मत हासिल किए हों. कई बार इस व्यवस्था से बहुत छोटी पार्टियां संसद में प्रवेश नहीं कर पातीं.
ये पार्टियां पिछले चार साल से संसद में अपनी उपस्थिति बनाए हुई हैं- सीडीयू/सीएसयू, सेंटर-लेफ्ट सोशल डेमोक्रेट एसपीडी, प्रो-फ्री मार्केट फ्री डेमोक्रेट्स (एफडीपी), एनवायरमेंटलिस्ट ग्रीन पार्टी, अल्टरनेटिव फॉर जर्मनी (एएफडी) पार्टी और सोशलिस्ट लेफ्ट पार्टी. अब एक बार फिर इन्हें संसद में प्रवेश मिलना तय है|

शाम 6 बजे बैलेट बॉक्स बंद होने के ठीक बाद एग्जिट पोल  जारी हो जाएंगे. इसके बाद गिनती के साथ-साथ वोटों की संख्या लगातार अपडेट होती रहेगी. वोट की गिनती अगले दिन की सुबह तक जारी रहती है. हालांकि चुनाव के आधिकारिक परिणाम प्रकाशित होने में कई हफ्ते बीत जाते हैं.

चुनावों के बाद बुंडेसटाग के नवनिर्वाचित सदस्यों की एक बैठक 30 दिन के भीतर बुलाई जाती है. लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि तब तक नई सरकार बन जाएगी. चुनाव के बाद पार्टियों के बीच लंबी बातचीत होती है. बहुमत की सरकार बनाने के लिए कुछ पार्टी गठबंधन बना लेती हैं. इसमें कई महीने लग सकते हैं (Angela Merkel Chancellor). नई सरकार अपने हाथों में सत्ता तब लेती है, जब बुंडेसटाग 50 फीसदी से अधिक के पूर्ण बहुमत के साथ एक चांसलर का चुनाव करता है|

इसके बाद सरकार का मुखिया कैबिनेट मंत्रियों के नाम की घोषणा करता है. इन सभी को आधिकारिक तौर पर राष्ट्रपति द्वारा नियुक्त किया जाता है और संसद में शपथ दिलाई जाती है इस बार भी ऐसा ही कुछ होगा. जब तक नए चांसलर का चुनाव नहीं हो जाता, तब तक चांसलर एंजेला मर्केल कार्यवाहक भूमिका में पद पर बनी रहेंगी|

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