जकार्ता में लावरोव समेत कई विदेश मंत्रियों से मिले जयशंकर, कहा- “भारत की एक्ट ईस्ट नीति का महत्वपूर्ण स्तंभ है आसियान”

जकार्ता: विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बृहस्पतिवार को दक्षिण पूर्व एशियाई देशों के संघ ‘आसियान’ के अपने समकक्षों के साथ सार्थक वार्ता की और फिनटेक, खाद्य सुरक्षा और नौवहन सहित विविध क्षेत्रों में सहयोग में प्रगति की समीक्षा की।

इससे पहले आसियान (दक्षिण पूर्व एशियाई देशों का संगठन) को भारत की एक्ट ईस्ट नीति का एक महत्वपूर्ण स्तंभ बताते हुए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने गुरुवार को कहा कि यह उभरती गतिशीलता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इंडो-पैसिफिक. गुरुवार को जकार्ता में आसियान पोस्ट मिनिस्ट्रियल कॉन्फ्रेंस के उद्घाटन सत्र में अपनी टिप्पणी देते हुए, विदेश मंत्री ने कहा, “आसियान भारत की एक्ट ईस्ट नीति और व्यापक इंडो-पैसिफिक के लिए इसके दृष्टिकोण का एक महत्वपूर्ण स्तंभ है। एक मजबूत और एकीकृत आसियान एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।” इंडो-पैसिफिक की उभरती गतिशीलता में महत्वपूर्ण भूमिका। भारत आसियान केंद्रीयता और इंडो-पैसिफिक पर आसियान दृष्टिकोण का दृढ़ता से समर्थन करता है।”

विदेश मंत्री 12 जुलाई से इंडोनेशिया और थाईलैंड की छह दिवसीय यात्रा पर हैं और इन दोनों देशों में उनकी विदेशी गतिविधियां 18 जुलाई को समाप्त होंगी। जयशंकर यहाँ आसियान देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक में हिस्सा लेने आए हैं।

विदेश मंत्री जयशंकर ने ट्वीट कर बताया कि ‘‘ आज सुबह आसियान-भारत विदेश मंत्रियों की गर्मजोशी भरी और सार्थक बैठक हुई। मेरे साथ सह अध्यक्षता करने के लिए विवियन बाला का धन्यवाद । समग्र सामरिक गठजोड़ के अनुपालन में हुई प्रगति को नोट किया।’’

उन्होंने कहा, ‘‘डिजिटल, फिनटेक, खाद्य सुरक्षा और नौवहन जैसे क्षेत्रों में अधिक ध्यान केंद्रित करने पर चर्चा की। म्यांमा की स्थिति पर विचारों का आदान प्रदान किया।’’

जयशंकर ने कहा कि विवियन बाला से मुलाकात सुखद रही और वर्तमान वैश्विक स्थितियों एवं चुनौतियों पर अच्छी चर्चा हुई। ‘‘हमारे द्विपक्षीय संबंधों में हाल के घटनाक्रम का सकारात्मक आंकलन किया।’’

उन्होंने कहा कि हमने म्यांमा की स्थिति पर विचारों का आदान प्रदान किया।

म्यांमा में फरवरी 2021 में तख्तापलट के बाद सेना ने सत्ता पर कब्जा कर लिया था और इसके बाद से देश में लोकतंत्र बहाली की मांग को लेकर व्यापक विरोध प्रदर्शन चल रहा है। म्यांमा में सेना द्वारा विरोधियों के खिलाफ हवाई हमला किये जाने की खबरें भी आई थीं।

फ़ोटो- भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर गुरुवार को अपने रूसी समकक्ष सर्गेई लावरोव से इंडोनेशिया के जकार्ता में मिले।

इसके साथ ही भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर गुरुवार को अपने रूसी समकक्ष सर्गेई लावरोव से भी इंडोनेशिया के जकार्ता में मिले। दोनों नेताओं की यह मुलाकात यहां होने वाली आसियान बैठक से इतर हुई। जयशंकर ने ट्वीट में कहा कि उनके और लावरोव के बीच द्विपक्षीय आर्थिक मुद्दों और यूक्रेन संकट से जुड़े मामलों को लेकर रहा।

गौरतलब है कि जून में जयशंकर ने दक्षिण अफ्रीका में ब्रिक्स शिखर बैठक के दौरान लॉवरोव से मुलाकात की थी। पिछले कुछ महीने से भारत, रूस से सबसे अधिक सस्ता कच्चा तेल खरीदने वाला देश बन गया है । यह रूस के यूक्रेन पर आक्रमण की पृष्ठभूमि में पश्चिमी देशों की नाराजगी के बावजूद हुआ है। भारत ने अभी तक यूक्रेन पर रूस के हमले को लेकर उसकी निंदा नहीं की है।

इस दौरान उन्होंने याद किया कि  पिछले साल किस तरह आसियान-भारत के संबंधों की 30वीं वर्षगांठ मनाई गई थी। विदेश मंत्री ने कहा कि हमने साझेदारी के सभी आयामों पर ध्यान केंद्रित किया था, जिसमें दिल्ली में विदेश मंत्रियों की बैठक, संसदीय प्रतिनिधिमंडलों का एक्सचेंज, आर्टिस्ट कैंप, संगीत समारोह और रक्षा मंत्रियों की बैठक शामिल थी।

इंडोनेशिया में अपने प्रवास के दौरान, जयशंकर आसियान ढांचे के तहत आसियान-भारत, पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन और आसियान क्षेत्रीय मंच के प्रारूप में अपने समकक्षों से मुलाकात करेंगे। जकार्ता के बाद जयशंकर रविवार को मेकांग गंगा सहयोग (एमजीसी) तंत्र की 12वीं विदेश मंत्रियों की बैठक में भाग लेने के लिए बैंकाक जाएंगे।

-डॉ. शाहिद सिद्दीक़ी; Follow via Twitter @shahidsiddiqui

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