चुनाव आयोग ने चुनावी राज्यों के लिए 15 विशेष पर्यवेक्षक नियुक्ति किए

चुनाव आयोग ने चुनाव वाले पांच राज्यों के लिए 15 विशेष पर्यवेक्षक नियुक्त किए हैं, इसकी घोषणा  की गई।

कहा गया है कि डोमेन विशेषज्ञता के त्रुटिहीन और शानदार ट्रैक रिकॉर्ड रखने वाले और चुनाव प्रक्रियाओं के साथ पिछले अनुभव रखने वाले 15 पूर्व सिविल सेवकों को वर्तमान चुनाव वाले राज्यों के लिए विशेष पर्यवेक्षक नामित किया गया है।

ये निर्दिष्ट राज्यों में चुनावी मशीनरी द्वारा किए जा रहे कार्यो की निगरानी करेंगे और खुफिया जानकारी व सी-विजिल, वोटर हेल्पलाइन आदि के माध्यम से प्राप्त शिकायतों के आधार पर सख्त, प्रभावी प्रवर्तन कार्रवाई सुनिश्चित करेंगे।

चुनाव आयोग ने कहा कि ये अधिकारी स्वतंत्र, निष्पक्ष और मतदाता हितैषी चुनाव सुनिश्चित करने के लिए आयोग की आंख और कान के रूप में पूरी चुनाव प्रक्रिया की निगरानी करेंगे।

विशेष पर्यवेक्षकों के साथ बैठक में सीईसी सुशील चंद्रा ने कहा कि उन्हें तैनात करने की व्यापक भावना चुनाव की तैयारियों का निष्पक्ष मूल्यांकन करना, महत्वपूर्ण अंतराल की पहचान करना और निष्पक्ष, प्रलोभन मुक्त, शांतिपूर्ण और कोविड सुरक्षित चुनाव सुनिश्चित करने के लिए क्षेत्र में चुनावी मशीनरी का मार्गदर्शन करना है।

उन्होंने कहा कि प्रत्येक चुनाव अपने आप में अद्वितीय है, इसकी अपनी रसद और चुनौतियां हैं, फिर भी उच्च मतदान को प्रोत्साहित करना होगा।

उन्होंने कहा, इसलिए विशेष पर्यवेक्षकों को सतर्क रहने और पूरी चुनाव प्रक्रिया के दौरान वास्तविक समय के आधार पर आयोग के संपर्क में रहने की जरूरत है और इन्हें आवश्यक सुधारात्मक उपाय आयोग के ध्यान में लाना चाहिए।

मनजीत सिंह और सोमेश गोयल गोवा के लिए ्र क्रमश: विशेष पर्यवेक्षक और विशेष पुलिस पर्यवेक्षक होंगे, जबकि प्रवीर कृष्ण, अरुण कुमार और राजेश टुटेजा मणिपुर के लिए क्रमश: विशेष पर्यवेक्षक और विशेष पुलिस पर्यवेक्षक होंगे।

पंजाब के लिए विनोद जुत्शी, रजनीकांत मिश्रा और हिमलिनी कश्यप क्रमश: विशेष पर्यवेक्षक, विशेष पुलिस पर्यवेक्षक और विशेष व्यय पर्यवेक्षक होंगे, राम मोहन मिश्रा, अनिल कुमार शर्मा और मधु महाजन विशेष पर्यवेक्षक, विशेष पुलिस पर्यवेक्षक और मधु महाजन उत्तराखंड के लिए विशेष व्यय पर्यवेक्षक होंगे।

अजय नायक स्पेशल जनरल ऑब्जर्वर, दीपक मिश्रा स्पेशल पुलिस पर्यवेक्षक और बी. मुरली कुमार व बी.आर. बालकृष्णन उत्तर प्रदेश के लिए दो विशेष व्यय पर्यवेक्षक होंगे।
विशेष पर्यवेक्षक जल्द ही अपने आवंटित राज्यों का दौरा करेंगे और संबंधित राज्यों के सीईओ और उप चुनाव आयुक्तों के साथ अपना काम शुरू करेंगे।

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