गोरखपुर बनेगा ‘स्पेशल एजुकेशन जोन’ : धर्मेंद्र प्रधान

केंद्रीय शिक्षा, कौशल एवं उद्यमिता विकास मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने तीन क्रियाशील व एक निर्माणाधीन विश्वविद्यालय के जरिये ज्ञान नगरी के रूप में विकसित गोरखपुर को “स्पेशल एजुकेशन जोन” बनाने की घोषणा की है।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि “स्पेशल इकोनामिक जोन” की तर्ज पर “स्पेशल एजुकेशन जोन” से प्रधानमंत्री की मंशा और नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति की आवश्यकता के अनुरूप ग्लोबल सिटीजन (वैश्विक नागरिक) तेजी से तैयार हो सकेंगे।

केंद्रीय शिक्षा मंत्री प्रधान शुक्रवार को महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद के 89वें संस्थापक सप्ताह समारोह के समापन कार्यक्रम को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि स्पेशल एजुकेशन जोन से विश्व भर की समस्याओं का समाधान गोरखपुर में निकाला जाएगा और इसमें महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद की संस्थाओं व इसके विद्यार्थियों की महत्वपूर्ण भूमिका होगी।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में आई नई शिक्षा नीति रणनीतिक परिवर्तन के अनुरूप तैयार की गई है।

प्रधान ने कहा कि इस नीति का उद्देश्य भारत को विश्व का नम्बर एक देश बनाना है। नई शिक्षा नीति का विचार भारत के बच्चों को वैश्विक नागरिक बनाने का है। गोरखपुर के बच्चे भी वैश्विक नागरिक बनने की प्रक्रिया में शामिल होंगे। यहां बाबा गंभीरनाथ पीठ की स्थापना तो हो ही रही है, महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय और इसके पहले से शुरू दो विश्वविद्यालय स्पेशल एजुकेशन जोन से जुड़कर इस आध्यात्मिक नगरी में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करेंगे।

इस अवसर पर मुख्यमत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि धर्मस्थलों का स्वरूप सिर्फ पूजा के स्थलों तक सीमित नहीं होना चाहिए, बल्कि इसे नेतृत्व करते दिखाई देना चाहिए। गोरक्षनाथ पीठ के संतों-महंतों का यही ध्येय रहा।

गोरक्षनाथ पीठ महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद के जरिये शिक्षा, स्वास्थ्य, आरोग्यता और समाज सेवा को समर्पित है। युगपुरुष महंत दिग्विजयनाथ जी ने वर्ष 1932 में महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद की स्थापना की। साथ ही, आजादी के बाद देश के नागरिक का स्वरूप क्या हो, इसी को ध्यान में रखकर महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद का नामकरण महानायक महाराणा प्रताप के नाम पर किया।

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