नई दिल्ली,- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लॉकडाउन उपायों का पूर्व केंद्रीय मंत्री पी. चिदंबरम ने समर्थन किया। हालांकि, उन्होंने केंद्र को गरीबों के लिए पैसे या भोजन की व्ययवस्था नहीं करने को लेकर हमला बोला और कहा कि गरीबों को उनके हाल पर ही छोड़ दिया गया है।
चिदंबरम ने ट्वीट किया, “लॉकडाउन से परे, पीएम के नए साल के संदेश में ‘नया’ क्या था? जाहिर है कि गरीबों के लिए आजीविका – उनका अस्तित्व – सरकार की प्राथमिकताओं में नहीं है।
उन्होंने कहा, “गरीबों को 21 दिनों और फिर 19 दिनों के लिए उनके हाल पर पर ही छोड़ दिया गया है, जिसमें उनकी व्यावहारिक मांग भोजन भी शामिल है। पैसा है, खाना है, लेकिन सरकार न तो पैसा देगी न भोजन। रोओ, मेरे प्यारे देश।
उन्होंने महत्वपूर्ण समय में अर्थशास्त्रियों की बात न सुनने के लिए भी सरकार पर हमला किया। उन्होंने कहा, “रघुराम राजन से लेकर जीन ड्रेज तक, प्रभात पटनायक से लेकर अभिजीत बनर्जी तक, सबकी सलाह को अनसुना कर दिया गया है।
उन्होंने कहा कि राज्यों को उनका बकाया नहीं मिल रहा है और मुख्यमंत्रियों द्वारा की गई पैसे की मांग का कोई जवाब नहीं मिला है। 25 मार्च, 2020 के दयनीय पैकेज में एक रुपया नहीं जोड़ा गया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोविड-19 के प्रसार पर रोक लगाने के लिए देशव्यापी लॉकडाउन को तीन मई तक बढ़ाने की घोषणा की है।