क्षेत्रीय दलों पर राहुल के तंज की जद-एस ने की आलोचना

राजस्थान के उदयपुर में आयोजित चिंतन शिविर के समापन समारोह के दौरान क्षेत्रीय दलों पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी की चुटकी जनता दल-सेक्युलर (जद-एस) को अच्छी नहीं लगी।
राहुल ने कहा था कि क्षेत्रीय दलों की वैचारिक प्रतिबद्धता नहीं है और यह भी दावा किया था कि केवल कांग्रेस ही भाजपा को हरा सकती है।

कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री और राज्य की क्षेत्रीय पार्टी जद-एस के सेकेंड इन-कमांड एच. डी. कुमारस्वामी ने सोमवार को पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष पर जमकर निशाना साधा और कहा कि राहुल गांधी को क्षेत्रीय दलों को समझाना चाहिए कि वैचारिक प्रतिबद्धता से आखिर उनका क्या मतलब है।

कुमारस्वामी ने कटाक्ष करते हुए द्रमुक और दिवंगत प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या में शामिल लिट्टे के कथित संबंधों को याद करते हुए कहा कि कांग्रेस ने उसी द्रमुक के साथ तमिलनाडु में गठबंधन बना लिया।

कुमारस्वामी ने पूछा कि क्या डॉ. मनमोहन सिंह के प्रधानमंत्रित्व काल में द्रमुक पार्टी के साथ यूपीए सरकार 1 और 2 के दौरान 10 वर्षों तक सत्ता के फल का आनंद लेने के लिए यह एक वैचारिक प्रतिबद्धता है?

उन्होंने आगे कहा कि राहुल गांधी ने दावा करते हुए कहा कि केवल कांग्रेस ही भाजपा को हरा सकती है, यह नहीं भूलना चाहिए कि उनकी पार्टी क्षेत्रीय दलों की दया और शक्ति पर 10 साल तक सत्ता में थी।

कुमारस्वामी ने आगे पूछा, क्या सरकार के गठन के लिए दरवाजे पर आने के बाद कर्नाटक में अनैतिक ऑपरेशन लोटस के साथ हाथ मिलाना एक वैचारिक प्रतिबद्धता है? क्या यह सहयोगियों को निगलने के लिए एक वैचारिक प्रतिबद्धता है?

वह 2019 में राज्य में जद-एस और कांग्रेस गठबंधन के पतन का जिक्र कर रहे थे।

कुमारस्वामी ने आगे कहा कि राहुल गांधी को अपने फायदे के लिए समझना चाहिए कि कर्नाटक में कांग्रेस कोमा स्टेज में पहुंच गई है।

उन्होंने कहा, कांग्रेस जो क्षेत्रीय दलों के डर में है, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और ओडिशा और अन्य राज्यों में अपनी उपस्थिति खो चुकी है।

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