कोविड संकट : ब्रांडेड जूते और वर्दी के लिए दबाव नहीं डालेंगे कर्नाटक के प्राइवेट स्कूल

कर्नाटक में निजी स्कूलों के एसोसिएटेड मैनेजमेंट (केएएमएस) ने अपने बच्चों को कोविड-19 संकट के मद्देनजर वित्तीय तनाव से राहत देने के लिए माता-पिता को पहले की तरह ब्रांडेड जूते और स्कूल यूनिफॉर्म खरीदने के लिए मजबूर नहीं करने का फैसला किया है।

साथ ही मेक इन इंडिया कॉन्सेप्ट को सपोर्ट करने का भी फैसला किया है। केएएमएस महासचिव डी. शशिकुमार ने  बताया कि पदाधिकारियों की बैठक में यह निर्णय लिया गया। अब तक निजी स्कूल निर्धारित शोरूम या एजेंसियों से ही यूनिफॉर्म, जूते और अन्य सामान खरीदने पर जोर देते थे।

ज्यादातर, स्कूलों ने बड़े ब्रांडों की खरीद की सिफारिश की थी जिससे माता-पिता पर अतिरिक्त बोझ पड़ा। इसको लेकर स्कूल प्रबंधन और अभिभावकों के बीच भी नोकझोंक हुई। हालांकि, स्कूल प्रबंधन ने मौजूदा परि²श्य में वित्तीय संकट को देखते हुए अभिभावकों पर दबाव नहीं डालने का फैसला किया है।

शशिकुमार ने कहा कि इस बार माता-पिता को स्वदेशी उत्पादों को खरीदने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा जो ब्रांडेड उत्पादों की तुलना में काफी सस्ते हैं। उन्होंने कहा, कुछ स्कूल खुद अपने कठोर रुख को ढीला करने के प्रस्ताव के साथ आगे आए हैं और हम इसे प्रोत्साहित करते हैं।

उन्होंने कोविड के बाद की स्थिति को महसूस किया है और यह एक अच्छा इशारा है। राज्य में 19,645 निजी स्कूल हैं जिनमें 45.71 लाख छात्र नामांकित हैं। 2022-23 शैक्षणिक वर्ष के लिए कक्षाएं 14 मई से शुरू होने वाली हैं।

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