कोरोना से बच्चों की शिक्षा पर पड़े असर का होगा अध्ययन

कोरोना महामारी ने हर वर्ग के लोगों पर व्यापक असर डाला और बच्चे भी इससे अछूते नहीं रहे थे, उनकी पढ़ाई जमकर प्रभावित हुई .आखिर इस बीमारी का मध्य प्रदेश के बच्चों पर और उनकी शिक्षा पर कितना असर पड़ा, इसका अध्ययन कराया जाने वाला है।

मिली जानकारी के अनुसार, स्कूल शिक्षा विभाग राष्ट्रीय उपलब्धि बुनियादी साक्षरता एवं संख्या ज्ञान नाम से एक सर्वे कराने जा रहा है। यह सर्वे एनसीईआरटी की तरफ से 23 से 25 मार्च तक सरकारी और निजी स्कूलों में तीसरी कक्षा के बच्चों का कराया जाने वाला है। इस संबंध में स्कूल शिक्षा विभाग को शिक्षा मंत्रालय ने निर्देश भी जारी कर दिए हैं।

बताया गया है कि इस सर्वे के जरिए तीसरी कक्षा में पढ़ने वाले बच्चों के हिंदी और गणित की बेसिक जानकारी का आकलन किया जाएगा। इसके माध्यम से अक्षर ज्ञान ,शब्द पहचानना, गिनती पहाड़े का जोड़ घटाना आदि के संबंध में पूछा जाएगा। इस दौरान यह भी पता लगाया जाएगा कि कोरोना से जब स्कूल बंद थे और ऑनलाइन कक्षाएं चल रही थी, तब बच्चों ने कितना कुछ सीखा या फिर पढ़ाई से पूरी दूर रहे।

मिली जानकारी के अनुसार इस सर्वे के लिए मध्य प्रदेश के लगभग 500 स्कूलों के 5000 बच्चों को शामिल किया जाएगा और उनका सैंपल सर्वे होगा, जिसमें हर स्कूल से औसतन 10 से 15 बच्चों के सैंपल लिए जाएंगे। उनसे लिखित और मौखिक दोनों ही तरह से सवाल पूछे जाएंगे। इसके जरिए यह समझने की कोशिश होगी कि अब स्कूल खुलने के बाद बच्चों में किस तरह से सुधार लाए जाने की जरूरत है।

ज्ञात हो कि कोरोना के कारण बीते 2 साल से ऑनलाइन पढ़ाई हो रही है ऐसे में बच्चों में सीखने की क्षमता कितनी कम हुई है, यह वास्तविकता सर्वे के जरिए हासिल होगी और आगे चलकर एनसीईआरटी की ओर से राज्य और जिले स्तर पर प्रशिक्षण भी दिया जाएगा।

सरकारी स्कूलों में बड़ी संख्या में बच्चे ऐसे रहे हैं जिनके परिवारों में मोबाइल था ही नहीं और अगर मोबाइल उपलब्ध था भी तो एक से ज्यादा बच्चा पढ़ने वाला था। यह बड़ी समस्या बच्चों के सामने रही है और संभावना इस बात की जताई जा रही है कि इस सर्वे से यह भी पता चल सकेगा कि वाकई में कितने बच्चे इस कोरोना काल में मोबाइल के जरिए या ऑनलाइन कक्षाओं से पढ़ाई जारी रख पाए।

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