केटीआर ने सिकंदराबाद के रक्षा क्षेत्र में बिजली, पानी की आपूर्ति बंद करने की चेतावनी दी

तेलंगाना के नगरपालिका प्रशासन और शहरी विकास मंत्री के.टी. रामा राव (केटीआर) ने कहा कि सैन्य अधिकारी अगर लोगों के लिए असुविधा पैदा करना बंद नहीं करते, तो राज्य सरकार सिकंदराबाद छावनी में बिजली और पानी की आपूर्ति बंद कर देगी।

उन्होंने विधानसभा में कहा कि अगर सैन्य अधिकारी अपने तौर-तरीके सुधार करने में विफल रहे, तो सरकार को कड़ी कार्रवाई करने के लिए मजबूर होगी और अगर जरूरत पड़ी, तो बिजली और पानी की आपूर्ति बंद कर दी जाएगी।

रामा राव ने सड़कों को बंद करने सहित सैन्य अधिकारियों की कुछ अन्य कार्रवाइयों पर आपत्ति जताते हुए कहा कि दोनों पक्षों को एक शहर में रहने के दौरान आपसी सहयोग की जरूरत है
केटीआर ने प्रश्नकाल के दौरान सामरिक नाला विकास कार्यक्रम (एसएनडीपी) पर एक प्रश्न का उत्तर दे रहे थे।

मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव के बेटे केटीआर ने कहा कि सैन्य अधिकारियों को यह समझना चाहिए कि तेलंगाना अलग देश नहीं है। उन्होंने कहा, हमारे अधिकारी उनके साथ बैठक करेंगे। अगर वे नहीं समझते हैं, तो हमें कड़ी कार्रवाई करनी होगी। अगर जरूरत पड़ी तो हम उन्हें पानी की आपूर्ति बंद कर देंगे।

उन्होंने कहा कि रक्षा अधिकारियों ने छावनी क्षेत्र में कई सड़कों को बंद कर दिया, जिससे लोगों को भारी असुविधा हुई और राज्य सरकार द्वारा केंद्र के समक्ष कई बार इस मुद्दे को उठाए जाने के बावजूद उन्होंने सड़कों को फिर से नहीं खोला। मंत्री ने आरोप लगाया कि रक्षा अधिकारी भी एसएनडीपी कार्यो में बाधा उत्पन्न कर रहे हैं।

मंत्री ने विशेष मुख्य सचिव को तुरंत स्थानीय सैन्य अधिकारियों और छावनी बोर्ड के साथ बैठक बुलाने को कहा। उन्होंने स्पष्ट किया कि राज्य सरकार लोगों के हित की रक्षा के लिए किसी भी हद तक जाने को तैयार है।

उन्होंने सदन को बताया कि सैन्य अधिकारियों ने भी बलकापुर नाले पर एक चेक डैम का निर्माण किया। नतीजतन, शाह हाटम तालाब से बैकवाटर के कारण नदीम कॉलोनी में बाढ़ आ गई। उन्होंने कहा कि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) भी नगरपालिका अधिकारियों को गोलकुंडा किले के पास तालाब से पानी छोड़ने की अनुमति नहीं दे रहा है।

केटीआर ने केंद्र की आलोचना करते हुए कहा कि वह न तो एसआरडीपी जैसे कार्यो के लिए धन मुहैया कराता है और न ही राज्य सरकार को अपना काम करने देता है। उन्होंने कहा कि केंद्र ने एसआरडीपी के लिए एक रुपया भी उपलब्ध नहीं कराया है, जिसके पहले चरण में 985 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है।

मंत्री ने कहा कि जब उन्होंने एसआरडीपी के लिए धन के लिए केंद्र से संपर्क किया, तो उन्होंने राज्य को अमृत योजना में शामिल होने की सलाह दी। उन्होंने कहा, यह योजना एक लाख से अधिक आबादी वाले शहरों के लिए है। हैदराबाद की आबादी एक करोड़ से अधिक है। मगर 200 से 300 करोड़ रुपये खर्च का कोई उद्देश्य नहीं रह जाएगा।

केटीआर ने कहा कि केंद्रीय पर्यटन मंत्री जी. किशन रेड्डी सिकंदराबाद निर्वाचन क्षेत्र से लोकसभा के सदस्य हैं, लेकिन एसएनडीपी के लिए केंद्र से वित्तीय सहायता नहीं ला पाए हैं।

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