पूर्व विधायक कृष्णानंद राय हत्याकांड मामले में दिल्ली की सीबीआई कोर्ट ने बाहुबली विधायक मुख़्तार अंसारी, उसके सांसद भाई अफजाल अंसारी व अन्य आरोपियों को सबूतों के अभाव में संदेह का लाभ देते हुए भले ही बरी कर दिया हो, लेकिन सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस मामले में अपील करने का फैसला किया है. यूपी सरकार कृष्णानंद राय हत्याकांड मामले में आरोपियों के बरी होने के खिलाफ अपील करेगी.
मुख्य गवाहों के मुकरने और गवाही न देने से केस कमजोर
इससे पहले विधायक कृष्णानंद राय के वकील रहे रामाधार राय ने बताया था कि कई वजह रहीं कि कातिलों का पता नहीं चल पाया और सभी आरोपी बरी हो गए. उनका कहना है कि मुख्य गवाहों के मुकरने और गवाही न देने की वजह से केस कमजोर हुआ. रामाधार राय कहते हैं कि मामले के अहम गवाह गाजीपुर की जमानिया तहसील के संजीव राय और मुन्ना राय ने गवाही नहीं दी. इसके अलावा हत्याकांड में जिंदा बचे शशिकांत राय और प्रत्यक्षदर्शी मनोज गौड़ की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत ने भी केस को कमजोर किया.