आम आदमी पार्टी (AAP) के नेता राघव चड्ढा ने सनातन धर्म को लेकर द्रविड़ मुनेत्र कषगम (डीएमके) नेता उदयनिधि स्टालिन ने बयान की निंदा की है. इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि किसी भी पार्टी के कुछ ‘छोटे’ नेताओं द्वारा दिए गए बयानों को विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ का आधिकारिक रुख नहीं माना जा सकता है.
राघव चड्ढा ने मंगलवार को समाचार एजेंसी पीटीआई को दिए इंटरव्यू में कहा, ‘मैं सनातन धर्म से हूं. मैं ऐसे बयानों की निंदा और विरोध करता हूं. इस तरह के बयान नहीं दिए जाने चाहिए. किसी को भी धर्म पर ऐसी टिप्पणी करने से बचना चाहिए. हमें सभी धर्मों का सम्मान करना चाहिए.’
भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) इस मुद्दे को लेकर ‘इंडिया’ गठबंधन पर हमलावर है. बीजेपी ने मंगलवार को विपक्षी गठबंधन पर वोट बैंक की राजनीति के लिए सनातन धर्म को निशाना बनाने का छिपा हुआ ‘एजेंडा’ चलाने का आरोप लगाया.
‘देश के सामने महंगाई, बेरोजगारी जैसे बड़े मुद्दे’
इस पर आप नेता ने कहा, ‘किसी पार्टी का कोई नेता इस तरह की टिप्पणी करता है… इसका मतलब यह नहीं है कि यह गठबंधन का बयान है. देश के सामने महंगाई, बेरोजगारी जैसे बड़े मुद्दों को उठाने के लिए गठबंधन बनाया गया है. एक राज्य के एक जिले में खड़े होकर किसी छोटे नेता द्वारा दिया गया बयान, गठबंधन का आधिकारिक रुख नहीं है.’
आगामी लोकसभा चुनावों में एकजुट होकर बीजेपी के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) का मुकाबला करने के लिए दो दर्जन से अधिक विपक्षी दलों ने ‘इंडिया’ गठबंधन बनाया है. चड्ढा उस 14-सदस्यीय समन्वय समिति के सदस्य हैं, जो ‘इंडिया’ गठबंधन की निर्णय लेने वाली शीर्ष संस्था है. बुधवार को दिल्ली में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) प्रमुख शरद पवार के आवास पर समिति की बैठक होगी.
चड्ढा ने कहा, ‘बैठक में उन मुद्दों पर चर्चा होगी, जिन्हें हम उठाएंगे. साथ ही इन मुद्दों को रैली, घर-घर अभियान या सार्वजनिक सभाओं के माध्यम से लोगों तक कैसे पहुंचाया जाएगा, इस पर भी चर्चा होगी. हम राज्यवार इस पर चर्चा करेंगे.’ उन्होंने कहा, ‘इस गठबंधन को सफल बनाने के लिए हर राजनीतिक दल को तीन चीजों का त्याग करना होगा- महत्वाकांक्षा, मतभेद और मनभेद.’
‘प्रधानमंत्री पद की दौड़ में नहीं AAP’
जब उनसे विपक्षी गठबंधन के संभावित प्रधानमंत्री पद के नामों के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि पहली बात तो यह है कि आम आदमी पार्टी इस दौड़ में नहीं है. आप नेता ने कहा, ‘हम इस गठबंधन में एक वफादार सिपाही हैं. हम प्रधानमंत्री बनने की दौड़ में नहीं हैं. हमारे गठबंधन में कई सक्षम प्रशासक हैं. हमारे पास कई सक्षम लोग हैं. लेकिन, क्या एनडीए में कोई खड़ा होकर कह सकता है कि वे चाहते हैं कि नितिन गडकरी प्रधानमंत्री बनें या अमित शाह प्रधानमंत्री बने? मैं यहां सिर्फ यह साबित करना चाहता हूं कि हमारे पास कई सक्षम प्रशासक हैं. उनके पास कोई नहीं है. वे केवल एक नेता का नाम ले सकते हैं.’
चड्ढा ने कहा, ‘गठबंधन इसका (प्रधानमंत्री पद के नाम पर) निर्णय लेगा. यहां तक कि 1977 में बने गठबंधन के पास भी प्रधानमंत्री पद का कोई घोषित चेहरा नहीं था, फिर भी उन्होंने इंदिरा गांधी के खिलाफ चुनाव जीता. मुझे ऐसी ही स्थिति का आभास हो रहा है.’ डीएमके नेता उदयनिधि स्टालिन ने हाल में लोगों के बीच विभाजन और भेदभाव को बढ़ावा देने के लिए सनातन धर्म को जिम्मेदार ठहराया था और इसके उन्मूलन का आह्वान किया था.