ऑफ-फील्ड विवाद के बाद ऑस्ट्रेलिया के टिम पेन ने टेस्ट टीम की कप्तानी छोड़ी

एशेज सीरीज शुरू होने से तीन हफ्ते पहले आस्ट्रेलिया क्रिकेट को जोरदार झटका लगा है, क्योंकि टिम पेन ने टेस्ट कप्तानी छोड़ने की घोषणआ कर दी।

होबार्ट में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में पेन ने घोषणा की है कि न्यूज कॉर्प द्वारा कथित तौर पर एक ऑफ-फील्ड विवाद को लेकर खबरें चलाने के बाद उन्होंने कप्तानी छोड़ने का फैसला किया।

पेन ने कहा, मेरा निर्णय लेने की वजह यह है कि लगभग चार साल पहले, मैं एक तत्कालीन सहयोगी के साथ टेक्स्ट एक्सचेंज में शामिल था। उस समय, एक्सचेंज पूरी तरह से सीए इंटीग्रिटी यूनिट जांच का विषय था, जिसमें मैंने पूरी तरह से समर्थन किया था।

उन्होंने आगे बताया, उस जांच में एक क्रिकेट तस्मानिया एचआर और क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने पाया था कि इसमें कोई आचार संहिता का उल्लंघन नहीं हुआ था। हालांकि, मुझे उस समय इस घटना पर गहरा खेद था, और आज भी है। मैंने इस बारे में उस समय परिवार से बातचीत की थी, जिसके बाद उन्होंने मुझे क्षमा कर दिया था।

पेन के अनुसार, हमने सोचा था कि यह घटना खत्म हो चुकी है और मैं पूरी तरह से टीम पर ध्यान दे सकता हूं, जैसा कि मैंने पिछले तीन या चार सालों से किया है। हालांकि, मुझे हाल ही में पता चला कि यह निजी टेक्स्ट एक्सचेंज सार्वजनिक हो गया है। इसके बाद मेरा ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट कप्तान बने रहना उचित नहीं था।

दक्षिण अफ्रीका में एक विवाद के बाद स्टीव स्मिथ की जगह 2018 में पेन 46वां ऑस्ट्रेलियाई टेस्ट कप्तान नियुक्त किए गए थे।
उन्होंने 2019 एशेज सीरीज के दौरान टीम की कप्तानी की, जहां ऑस्ट्रेलिया ने 18 सालों में पहली बार विदेशी धरती पर प्रतिष्ठित ट्रॉफी को बरकरार रखा।

क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया (सीए) के अध्यक्ष रिचर्ड फ्रायडेनस्टीन का कहना है कि बोर्ड ने उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया। टिम ने महसूस किया कि कप्तान के रूप में पद छोड़ने का यह निर्णय लेना उनके परिवार और ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट के हित में था।

फ्रायडेनस्टीन ने बताया, इस तरह का बर्ताव स्वीकार्य नहीं है। इस गलती के बावजूद पेन बेहतरीन कप्तान रहे हैं और उसकी सेवाओं के लिए हम उन्हें धन्यवाद देते हैं। पेन पूरी एशेज सीरीज में चयन के लिए उपलब्ध रहेंगे।
एशेज अगले महीने शुरू होगा, जिसका पहला टेस्ट मैच ऑस्ट्रेलिया के गाबा में 8 दिसंबर को खेला जाएगा।
इस बीच, क्रिकेट तस्मानिया ने भी एक बयान जारी कर कहा, नवंबर 2017 में हुई घटना के समय कोई शिकायत नहीं की गई थी और न ही महिला कर्मचारी को निकालने से पहले संगठन ने कोई संज्ञान लिया था।

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