एलआईसी को अगले वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में सूचीबद्ध किया जाएगा : सरकार


भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) में केंद्र सरकार अपनी कम से कम 10 फीसदी हिस्सेदारी कम करने के लिए इसे अगले वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध करेगी। यह जानकारी रविवार को सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने दी।

वित्त सचिव राजीव कुमार ने आईएएनएस से बातचीत में में कहा, एलआईसी को अगले वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में सूचीबद्ध किया जाएगा और कम से कम 10 फीसदी हिस्सेदारी बेची जाएगी जोकि एक मानदंड के अनुरूप है।

एलआईसी में सरकार की हिस्सेदारी बेचने के संबंध में उन्होंने बताया कि इसके समय, तरीके और परिमाण पर अभी फैसला नहीं लिया गया है। हालांकि उन्होंने बताया कि हिस्सेदारी कम करने में प्राइवेट इक्विटी प्लेयर्स को शामिल किया जाएगा और पब्लिक ऑपर पर भी ध्यान दिया जाएगा, लेकिन मानदंड के अनुसार यह 10 फीसदी से कम नहीं हो सकता है।

बाजार विनियामक सेबी के मानक के अनुसार, आईपीओ में 4,000 करोड रुपये से ऊपर की पोस्ट इश्यू वाली कंपनियों के लिए आवश्यक ऑफर कम से कम 10 फीसदी है। इसके बाद कंपनियां आईपीओ में हिस्सेदारी 25 फीसदी से कम करने वाली कंपनियों को न्यूनतम सार्वजनिक हिस्सेदारी मानक का अनुपालन करने के लिए तीन साल का समय दिया जाएगा।

एलआईसी को सूचीबद्ध करने के संबद्ध विस्तृत जानकारी दिए बगैर कुमार ने बताया कि एलआईसी को बाजार में सूचीबद्ध करने के लिए कानून में बदलाव किया जाएगा और जरूरी बदलाव के लिए कानून मंत्रालय को सूचित किया जाएगा।

उधर, बजट में घोषणा की गई है कि आईडीबीआई से सरकार पूरी तरह बाहर होगी और यह एक निजी बैंक होगा। इस संबंध में कुमार से मिले संकेत के अनुसार, एलआईसी के सूचीबद्ध किए जाने से पहले सरकार आईडीबीआई से बाहर होगी।

एलआईसी भारत की सबसे बड़ी वित्तीय संस्थान है जिसकी कुल निवेश परिसंपत्ति 30 सितंबर को 320 खरब रुपये थी।

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