एयरटेल ने शुक्रवार को एजीआर (एडजेस्टेड ग्रास रेवेन्यू) राशि में जुर्माना व ब्याज की माफी के लिए सुप्रीम कोर्ट में एक पुनर्विचार याचिका दायर की। सूत्रों ने कहा कि उन्होंने ब्याज व जुर्माने के माफी को लेकर अर्जी दाखिल की है, न कि विस्तार की मांग को लेकर।
पुनर्विचार याचिका फैसले के एक महीने के भीतर दायर की जाती है। फैसला 24 अक्टूबर को आया था। मूल आदेश के अनुसार, उन्हें 24 जनवरी तक बकाए का भुगतान करना है। दोनों को 53,000 करोड़ रुपये के बकाया भुगतान के प्रावधानों से 74,000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।
दूरसंचार मंत्री रविशंकर प्रसाद ने संसद में बुधवार को कहा कि भारती एयरटेल, वोडाफोन आइडिया और अन्य दूरसंचार कंपनियों पर पिछले वैधानिक देय के तौर पर सरकार का 1.47 लाख करोड़ रुपये का बकाया है। उन्होंने कहा कि इस तरह के बकाए पर जुर्माने व ब्याज को माफ करने का कोई प्रस्ताव नहीं है।
एयरटेल का सितंबर में खत्म तिमाही में शुद्ध घाटा 23,900 करोड़ रुपये है। ऐसा एजीआर बकायों से जुड़े 28,450 करोड़ रुपये के प्रोविजनिंग से जुड़े शुल्क के कारण है।