एम्स राजकोट के अक्टूबर 2023 तक पूरी तरह से काम करने की संभावना

गुजरात में स्वास्थ्य देखभाल को बढ़ावा देने के लिए अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) राजकोट के अगले साल अक्टूबर तक पूरी तरह से चालू होने की संभावना है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 31 दिसंबर, 2020 को एम्स राजकोट के स्थायी परिसर की नींव रखी थी।

एम्स राजकोट के निदेशक डॉ चंदन देव सिंह कटोच ने  बताया कि अस्पताल के अक्टूबर 2023 तक शुरू होने की उम्मीद है। ओपीडी सेवाएं पिछले साल दिसंबर में शुरू हुई और अस्पताल का निर्माण चल रहा है। हम अक्टूबर 2023 तक पूरी तरह से चालू होने की उम्मीद कर रहे हैं।

एम्स राजकोट 750 बेड वाला अस्पताल होगा जिसमें कई विशेषज्ञता के साथ-साथ सुपरस्पेशलिटी विभाग भी होंगे। 750 बेड में से 30 बिस्तर आयुष विभाग के लिए होंगे।

कटोच ने कहा, निर्माण की परियोजना लागत लगभग 1,195 करोड़ रुपये है जिसमें अत्याधुनिक चिकित्सा उपकरणों के लिए 185 करोड़ रुपये का आवंटन शामिल है। गुजरात सरकार ने परियोजना के लिए लगभग 201 एकड़ भूमि आवंटित की है और बिजली कनेक्शन की पहुंच, सड़कों, पानी की सुविधा और प्रावधान का ध्यान रखा है।

उन्होंने कहा कि जल्दी संचालन की अवधारणा के अनुरूप खंडेरी-परापीपलियाके निकट स्थायी परिसर में 13 विभागों में ओपीडी सेवाएं शुरू हो गई हैं। वर्तमान में 13 विभाग-सामान्य चिकित्सा, सामान्य सर्जरी, नेत्र विज्ञान, ईएनटी, प्रसूति और स्त्री रोग, त्वचाविज्ञान, हड्डी रोग, बाल रोग, रेडियोलॉजी, सामुदायिक और पारिवारिक दवाएं, एनेस्थिसियोलॉजी, मनोचिकित्सा और फुफ्फुसीय दवाएं कार्यात्मक हैं। जल्द ही डेंटिस्ट्री भी काम करने लगेगी।

कटोच ने कहा, ओपीडी सेवा 14 विशेषज्ञ डॉक्टर चला रहे है। हम एक वेलनेस क्लिनिक भी चला रहे हैं। हमारे ओपीडी में अत्याधुनिक उपकरण हैं। वर्तमान में ओपीडी में रोजाना लगभग 100 मरीज आ रहे हैं। हम आने वाले महीनों में संख्या में वृद्धि की उम्मीद कर रहे हैं। क्योंकि स्थानीय प्रशासन ने शहर से अस्पताल के लिए बस सेवा प्रदान की है।

राजकोट के जिला कलेक्टर अरुण महेश बाबू ने बताया कि एम्स राजकोट सरकार द्वारा तय किए गए विशिष्ट विभाग के लिए एक सुपर स्पेशियलिटी केंद्र होगा।
एम्स राजकोट के बारे में बात करते हुए भाजपा के सुशासन विभाग के सदस्य वीरेंद्र सचदेवा ने कहा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दृष्टिकोण के अनुसार, राजकोट में एम्स स्वास्थ्य देखभाल में अंतराल को कम करेगा और सामान्य आबादी के बीच कल्याण पैदा करेगा।

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