एफपीआई सरचार्ज पर सफाई देने की अभी कोई जरूरत नहीं : सीतारमण


वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा शुक्रवार को संसद में कई सारे बजट प्रस्ताव पेश किए गए। इस दौरान फॉरिन पोर्टफोलियो इन्वेस्टर्स (FPI) के इनकम टैक्स पर सरचार्ज में बढ़ोतरी का भी ऐलान किया गया और इसका असर सोमवार को बाजार पर पड़ा और शेयर मार्केट में बड़ी भारी गिरावट हुई।

बजट में इनकम टैक्स सरचार्ज से विदेशी निवेशकों के लिए लॉन्ग-टर्म कैपिटल गेन्स टैक्स (LTCG) में बढ़ोतरी देखने के बाद विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआईज) में प्रॉफिट बुक करने की होड़ मच गई। सोमवार को सीबीडीटी के चेयरमैन प्रमोद चंद्र मूडी ने कहा था कि बोर्ड टैक्स सरचार्ज पर FPIs की चिंता की जांच-परख कर रहा है और जल्द ही इस मुद्दे पर स्पष्टीकरण जारी किया जाएगा। इसके बाद वित्त मंत्री ने कहा कि एफपीआई टैक्सेशन पर कोई नए स्पष्टीकरण की जरूरत नहीं है।

निर्मला सीतारमण ने आरबीआई बोर्ड मीटिंग के बाद एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, ‘मुझे नहीं लगता कि अभी एफपीआई पर टैक्स सरचार्ज पर किसी स्पष्टीकरण की जरूरत है।’ सोमवार को बाजार में इक्विटी निवेशकों को 3 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का नुकसान हुआ।

टैक्स नियमों की बात करें तो इक्विटी निवेशकों को लिस्टेड सिक्यॉरिटीज के शेयर्स बेचने की स्थिति में लॉन्ग-टर्म कैपिटल गेन्स पर 10 प्रतिशत टैक्स देना होता है, लेकिन गेन्स 1 लाख रुपये से ज्यादा होना चाहिए। अगर ऐसे कैपिटल गेन्स शॉर्ट-टर्म (1 साल से कम) हैं तो 15 प्रतिशत टैक्स ( प्रभावी तौर पर 17.94 प्रतिशत टैक्स) वसूला जाता है।

अगर कोई लॉन्ग-टर्म बेसिस पर अनलिस्टेड सिक्यॉरिटीज के शेयर्स बेचता है तो LTCG टैक्स 20 प्रतिशत बढ़ जाता है और STCG 30 प्रतिशत वसूला जाता है। डेरिवेटिव में व्यापार पर, शॉर्ट-टर्म कैपिटल गेन्स 30 प्रतिशत वसूला जाता है। इसके अलावा अचल संपत्ति बेचने पर शॉर्ट-टर्म कैपिटल गेन्स 20 प्रतिशत होता है। सीतारमण के बजट में इनमें से किसी के रेट्स बदले नहीं गए हैं।

अब 2 से 5 करोड़ रुपये सालाना कमाने वालों पर 15 फीसदी की जगह 25 फीसदी सरचार्ज लगेगा और 5 करोड़ से ज्यादा कमाई वालों को 15 प्रतिशत की जगह 37 प्रतिशत सरचार्ज देना हगा। इससे पहले 1 करोड़ से ज्यादा आय वाले इंडिविजुअल्स को 15 प्रतिशत सरचार्ज देना होता था।

इसका मतलब है कि जिन एफपीआईज की लिस्टेड इक्विटी से 2 करोड़ रुपये से ज्यादा इनकम है, उन्हें अपने शॉर्ट या लॉन्ग कैपिटल गेन्स टैक्स पर 25 प्रतिशत सरचार्ज अब देना होगा। वहीं 5 करोड़ या इससे ज्यादा की इनकम होने पर 37 प्रतिशत सरचार्ज देना होगा।

JMP अडवाइजर्स के चेयरमैन का कहना है, ‘लिस्टेड शेयर्स से 1 लाख रुपये से ज्यादा इनकम वालों को जहां 10 प्रतिशत LTCG देना होगा, वहीं अगर दूसरी इनकम के साथ कैपिटल गेन्स 2 करोड़ रुपये से ज्यादा है तो बहुत ज्यादा सरचार्ज चुकाना होगा।’ जयराज पुरनडरे का कहना है कि दो इनकम ग्रुप के लिए नेट टैक्स रेट 3 प्रतिशत और 7 प्रतिशत बढ़ गया है। इस तरह एफपीआईज को क्रमशः 14.25 प्रतिशत और 21.37 प्रतिशत प्रभावी एलटीसीजी और एसटीसीजी वहन करना होगा।

PwC इंडिया में पार्टनर भविन शाह कहते हैं कि 2 से 5 करोड़ रुपये आय वर्ग के लिए अब प्रभावी एलटीसीजी और एसटीसीजी क्रमशः 13 प्रतिशत और 19.50 प्रतिशत होगा। जो लोग 5 करोड़ रुपये वाले आय वर्ग में आते हैं, जिनमें अधिकतर एफपीआई होंगे उनके लिए एलटीसीजी और एसटीसीजी 14.25 प्रतिशत और 21.37 प्रतिशत होगा।

बात करें अनलिस्टेड सिक्यॉरिटीज और डेरिवेटिव्स ट्रेड की तो 2-5 करोड़ रुपये आय वर्ग के लिए एसटीसीजी 39 प्रतिशत होगा जबकि 5 करोड़ से ज्यादा आय वर्ग के लिए 42.74 प्रतिशत होगा।

विश्लेषकों का कहना है कि 5 करोड़ रुपये एफपीआईज के लिए बहुत कम है क्योंकि विदेशी संस्थानों को भारतीय बाजार में बड़ी पॉजिशन के लिए जाना जाता है। एडेलविस सिक्यॉरिटीज ने एक नोट में कहा कि ज्यादा आय वर्ग वालों के लिए प्रभावी टैक्स रेट अब 1992 के बाद से सबसे ज्यादा हुआ है।

इसे शेयर करें

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *