‘एनआरआई नियम में बदलाव से नहीं होगा विदेशों में काम करने वाले भारतीय पर असर’


कर चोरी पर लगाम लगाने के लिए एनआरआई नियमों में बदलाव के संबंध में वित्त मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि विदेशों में काम करने वाले नेकनीयत भारतीय कामगार नए प्रावधान से प्रभावित नहीं होंगे। आम बजट में अनिवासी भारतीय (एनआरआई) को भारत में कर चोरी से रोकने के लिए नियमों में बदलाव का प्रस्ताव किए जाने के एक दिन बाद वित्त मंत्रालय ने इस पर स्पष्टीकरण देते कहा कि मध्यपूर्व समेत अन्य देशों में काम करने वाले भारतीय कामगार जिनको इन देशों में कर नहीं चुकाना पड़ता है वे नए प्रावधान से प्रभावित नहीं होंगे।

वित्त मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि प्रस्तावित प्रावधान का मकसद दूसरे देशों में काम करने वाले नेकनीयत भारतीय नागरिकों पर कर लगाना नहीं है।

पूर्व नियम के अनुसार, 182 दिन से अधिक समय तक देश से बाहर रहने वाले भारतीय नागरिक एनआरआई कहलाते थे, लेकिन बजट में प्रस्तावित नियम के अनुसार, अब 241 दिन देश से बाहर रहने के बाद ही उनको एनआरआई नियमों के तहत कर में राहत मिल सकती है।

आयकर कानून के मौजूदा प्रावधान में संशोधन करते हुए बजट में प्रस्ताव किया गया है कि अगर भारत का कोई नागरिक किसी दूसरे देश या क्षेत्र में अपने आवासीय या इसी तरह के किसी अन्य मानदंड के कारण कर नहीं चुकाता है तो उपबंध (1) के प्रावधान के बावजूद वह किसी पूर्व साल में भारत का निवासी माना जाएगा।

वित्त मंत्रालय के अधिकारी ने रविवार को बताया कि प्रस्तावित प्रावधान के तहत अगर कोई भारतीय नागरिक भारत का निवासी बनेगा तो उसे विदेशों में प्राप्त आय पर आयकर नहीं लगेगा बशर्ते वह आय भारतीय कारोबार या पेशा से प्राप्त नहीं किया गया हो।

आयकर विशेषज्ञों का कहना है कि नए एनआरआई प्रावधान से लोग भारत में अधिक समय बिताने से हतोत्साहित होंगे। इस प्रकार, कारोबारियों के लिए देश कम आकर्षक बन जाएगा।

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