शिवसेना का नाम आते ही ‘मराठी अस्मिता’, बाला साहेब की पॉलिटिकल स्टाइल और हिंदुत्व का मुद्दा जैसे ‘प्रतीक’ दिखने लगते हैं. लेकिन अब दौर है पार्टी में बदलाव का. जैसे-जैसे विधानसभा चुनाव करीब आ रहा है, वैसे-वैसे कभी बाला साहेब ठाकरे की शैली को आगे बढ़ाते दिखती उद्धव ठाकरे की ये पार्टी अब आदित्य ठाकरे ‘स्टाइल’ की नजर आ रही है.
शिवसेना का फोकस अब शिफ्ट हो रहा है. आदित्य ठाकरे की ‘राजनीति’ में उत्तर भारतीयों से मेलजोल भी दिखता है, साथ ही पैन इंडिया कवरेज की बात भी नजर आती है. ऐसे में आइए नजर डालते हैं शिवसेना के बदलते हुए 3 ट्रेंड पर.
देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में अच्छी-खासी संख्या में उत्तर भारतीय बसते हैं. जाहिर है कि राजनीतिक पार्टियां इस वोट बैंक के लिए कोशिश करती भी नजर आती हैं. वहीं शिवसेना और उत्तर भारतीयों के बीच के मतभेद जगजाहिर हैं. लेकिन तेजी के साथ बदलते सियासी समीकरण में अब शिवसेना ने भी अपनी स्ट्रेटेजी बदली है. हाल ही में आदित्य ठाकरे उत्तर भारतीयों लोगों के आयोजित एक कार्यक्रम में गमछा बांधे नजर आए. इससे पहले शायद ही कोई ‘ठाकरे’ ऐसे गमछे में नजर आया होगा. ये कार्यक्रम कांग्रेस से शिवसेना में आए आनंद दुबे ने आयोजित कराया था.