प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गुरुवार को कहा कि उसने 1,100 करोड़ रुपये का ऋण न चुकाने के मामले में एसआरएस समूह, उनके प्रमोटरों, उनके परिवार के सदस्यों और सहयोगी कंपनियों की 2,510.82 करोड़ रुपये की चल-अचल संपत्ति कुर्क कर ली है। धोखाधड़ी मामले में भूमि, रियल एस्टेट परियोजनाएं, वाणिज्यिक परियोजनाएं, आवासीय मकान, एक स्कूल, सिनेमा हॉल, बैंक खातों में जमा राशि और सावधि जमा राशि (फिक्सड डिपॉजिट) को धन शोधन निवारण अधिनियम 2002 (पीएमएलए) के तहत कुर्क किया गया है।
ईडी ने कहा, “जांच से पता चला कि एसआरएस समूह की विभिन्न कंपनियों और अभियुक्तों के परिवार के सदस्यों के नाम पर चल और अचल संपत्तियों को अवैध रूप से अधिग्रहीत किया गया था। इस 2510.82 करोड़ रुपये की कुल संपत्ति को पीएमएलए के तहत कुर्क किया गया है। इस मामले में आगे की जांच चल रही है।”
ईडी ने हरियाणा में फरीदाबाद के विभिन्न पुलिस स्टेशनों में भारतीय दंड संहिता के तहत धोखाधड़ी, आपराधिक साजिश और जालसाजी के आरोपों पर दर्ज एफआईआर के आधार पर पीएमएलए के तहत जांच शुरू की है।
ईडी का कहना है कि इसके अलावा आर्थिक अपराध शाखा, नई दिल्ली से भी एक अन्य प्राथमिकी प्राप्त हुई है।
ईडी ने कहा कि जांच के दौरान यह पाया गया कि आरोपी अनिल जिंदल, जितेंद्र कुमार गर्ग और प्रवीण कुमार कपूर एसआरएस ग्रुप के प्रमुख प्रमोटर हैं, जिनकी 300 से अधिक सहायक कंपनियां हैं।
जिंदल, एसआरएस समूह के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक अनिल जिंदल धोखाधड़ी मामले में जेल में बंद हैं।
ईडी का कहना है कि ये अपने अन्य साथियों और सहयोगियों के साथ एक आपराधिक साजिश रचते हैं और दुकानों, फ्लैट्स, अपार्टमेंट्स जैसे रियल एस्टेट इकाइयों में निवेश की आड़ में धोखाधड़ी को अंजाम देते हैं।